रिश्तेदार करते थे मदद: जो पैसा कमाया, खाने-पीने में उड़ाया, बचा तो भाई-भाभी को दिया

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- Whatever Money Was Earned, Was Spent On Food And Drink, Then The Rest Was Given To Brother And Sister in law.
मुरैनाएक घंटा पहले
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60 हजार रुपए का इनामी डकैत गुड्डा गुर्जर इन दिनों मुरैना पुलिस की रिमांड पर है। बानमोर थाना पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। पूछताछ में गुड्डा ने बताया कि उसके रिश्तेदार उसका भरपूर सहयोग करते थे। उन्हीं के यहां वह मेहमानी करता था। क्रेशर संचालकों व मवेशी वालों से जो अवैध वसूली होती थी, उससे वह ऐश की जिंदगी जीता था। खाने-पीने का शौकीन गुड्डा हर दिन रबड़ी खाता था। जो पैसा बचता था उसे अपने भैया-भाभी व सगे संबंधियों को उधार पर दे रखा था। उसने जमीन भी खरीद रखी है।
मुरैना पुलिस के मुताबिक गुड्डा गुर्जर के पिछले 21 साल से पकड़े न जाने के पीछे मुख्य कारण उसके रिश्तेदार थे जो उसका भरपूर सहयोग करते थे। यह रिश्तेदार उसे न केवल पनाह देते थे बल्कि उसका पूरा सहयोग करते थे। किसी समय जंगलों की खाक छानने वाला गुड्डा अपने रिश्तेदारों के घरों में ऐश की जिंदगी जीता था।
हर दिन खाने में चाहिए थी रबड़ी
गुड्डा गुर्जर को हर दिन खाने में रबड़ी चाहिए। वह शुरु से ही रबड़ी खाने का शौकीन था। उसका यह शौक उसके रिश्तेदारों के यहां ही पूरा होता था। रिश्तेदारों के यहां वह थोड़े-थोड़े दिन रहता था।
भैया-भाभी को सौंपता पूरा पैसा
क्रेशर संचालकों व मवेशी वालों से होने वाली अवैध वसूली की रकम उसके भैया-भाभी के पास रहती थी। वही उसकी रकम का पूरा हिसाब-किताब रखते थे। उसने इस रकम से कुछ जमीन भी खरीद ली है।
रिश्तेदारों की कुंडली खंगाल रही पुलिस
मुरैना पुलिस अब गुड्डा से पूछताछ के आधार पर उसको पनाह देने वाले रिश्तेदारों की कुंडली खंगाल रही है। पुलिस इस बात का पता लगा रही है कि गुड्डा को लंबे समय तक पनाह देने वाले कौन लोग थे।
कहते हैं वरिष्ठ अधिकारी
गुड्डा डकैत अपने रिश्तेदारों के यहां रहता था। वही लोग उसे पनाह दिए थे। अवैध वसूली का पैसा भी अपने खास रिश्तेदारों को देता था।
रायसिंह नरवरिया, ASP, मुरैना
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