रिटायर्ड IAS पर ठेकेदार से 1 करोड़ लेने का आरोप: खाते में डलवाई रकम, जुलानिया बोले- सरकार की अनुमति से भूखंड बेचा-खरीदा

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भोपाल4 घंटे पहले

मध्यप्रदेश लोकायुक्त ने रिटायर्ड IAS राधेश्याम जुलानिया के खिलाफ ठेकेदार से करीब 1 करोड़ रुपए लेने की शिकायत पर जांच प्रकरण दर्ज कर लिया है। जुलानिया पर आरोप है कि उन्होंने जल संसाधन विभाग की सब-ठेकेदार फर्म अर्नी इंफ्रा से साढ़े 99 लाख रुपए अपने बैंक खाते में डलवाए हैं। शिकायतकर्ता ने लोकायुक्त को दस्तावेज सौंपते हुए राधेश्याम जुलानिया, उनकी पत्नी अनिता और बेटी लवण्या को भी आरोपी बनाने की मांग की है। इस मामले में जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, रिटायर्ड IAS राधेश्याम जुलानिया ने आरोपों को झूठा बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार की इजाजत लेकर ही जमीन खरीदी और बेची है।

जानकारी के मुताबिक, भोपाल निवासी सामाजिक कार्यकर्ता नेमीचंद जैन ने 2 अगस्त को लोकायुक्त में शिकायती आवेदन दिया था। उन्होंने दावा किया था जुलानिया रिटायरमेंट के बाद भोपाल के जिस बंगले में रहते हैं, वह जमीन उन्होंने स्वयं और पत्नी अनिता जुलानिया के नाम से खरीदी है। जमीन खरीदने के लिए रकम अर्नी इंफ्रा के अलग-अलग बैंक खातों से जुलानिया के अकाउंट में भेजी गई है। शिकायतकर्ता ने इसके प्रमाण भी लोकायुक्त को सौंपे।

नेमीचंद ने शिकायत में बताया कि जनवरी 2021 में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने अर्नी इंफ्रा के मालिक आदित्य त्रिपाठी को गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला था कि अर्नी इंफ्रा मुखौटा फर्म है। जल संसाधन विभाग का सबसे बड़ा ठेकेदार राजू मेंटाना है। वह अधिकारियों की मिलीभगत से ठेका हासिल करता है। इसके बाद सबलेट कंपनियों को ठेका दे देता है।

मेंटाना की कंपनी में जॉब करती थीं बेटी
शिकायतकर्ता ने बताया कि जुलानिया जल संसाधन विभाग में लंबे समय तक पदस्थ रहे। मेंटाना वहां ठेकेदार फर्म थी, उसी समय जुलानिया की बेटी लवण्या जुलानिया हैदराबाद में मेंटाना की ही एक कंपनी में जॉब कर रही थीं। इसकी सूचना जुलानिया ने राज्य सरकार को नहीं दी थी। राज्य सरकार ने 22 अगस्त 2016 को जुलानिया को जल संसाधन विभाग से हटाया और IAS पंकज अग्रवाल को कमान सौंपी।

जुलानिया करते रहे मेंटाना कंपनी की मदद
IAS पंकज अग्रवाल के कार्यकाल में मेंटाना कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया। मेंटाना के ब्लैक लिस्टेड होते ही अचानक सरकार ने पंकज अग्रवाल को हटाया और जुलानिया को फिर से जल संसाधन में पदस्थ कर दिया। जुलानिया ने मेंटाना को ब्लैक लिस्ट से हटाकर फिर से अगला काम सौंप दिया। आरोपों के मुताबिक जुलानिया मेंटाना की मदद करते रहे और उससे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष लाभ लेते रहे। शिकायतकर्ता ने राधेश्याम जुलानिया पर विदेश में बेटे अभिमन्यु को एक करोड़ रुपए भेजने का आरोप लगाते हुए इसकी भी जांच कराने की मांग की। इस संबंध में तत्कालीन IAS रमेश थेटे ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।

लोकायुक्त ने शिकायतकर्ता को दी जानकारी
लोकायुक्त संगठन के विधि अधिकारी अवधेश कुमार गुप्ता ने शिकायतकर्ता को लिखित सूचना दी है कि उनकी शिकायत के आधार पर लोकायुक्त संगठन ने रिटायर्ड IAS राधेश्याम जुलानिया के खिलाफ प्रकरण क्रमांक 0094/ई/22 दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

जुलानिया बोले- सरकार की अनुमति लेकर की खरीदी-बिक्री

राधेश्याम जुलानिया ने आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि सरकार की परमिशन लेकर ही मैंने भूखंड बेचा था। इसकी राशि सीधे मेरे खाते में आई थी। इसके बाद उसी राशि से सरकार की अनुमति लेकर कलेक्टर गाइडलाइन के मुताबिक आवासीय भूखंड खरीदा। अर्नी इंफ्रा से न तो मैंने कोई ट्रांजेक्शन किया, न मेरे खाते में पैसा आया और न मैं इसे जानता हूं। साथ ही, न ही मेंटाना कंपनी की कोई मदद की है।

उन्होंने ये भी कहा कि मेरी बेटी ने न तो कभी मेंटाना कंपनी में काम किया और न कभी उससे जुड़ी रही। जिस कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की बात कही जा रही है, वह कभी ब्लैकलिस्ट नहीं हुई। अपनी ही राशि को बैंक में जमा करना और निकालना कोई अपराध नहीं है।

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