हरदा में पिच्छिका परिवर्तन: मोक्ष मार्ग पर चलने के लिए जीवन में परिवर्तन लाना चाहिए : आर्यिका श्री

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हरदा19 मिनट पहले

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हरदा में चातुर्मासरत जैन आर्यिका सरसमति माताजी ससंघ का पिच्छिका परिवर्तन कार्यक्रम संपन्न हुआ। इसमें कलेक्टर ऋषि गर्ग एवं पुलिस अधीक्षक मनीष अग्रवाल के साथ ही भोपाल, बानापुरा आदि स्थानों से आए समाजजन शामिल हुए। ड्रोन की मदद से पिच्छिका को कार्यक्रम स्थल पर लाया गया। इस अवसर पर दोनों आर्यिकाश्री को वस्त्र भेंट एवं शास्त्र भेंट किए गए।

कोषाध्यक्ष राजीव रविंद्र जैन ने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत नीता सिंघई के मंगलाचरण से हुई। अतिथियों ने आचार्यश्री के चित्रों का अनावरण किया। इस अवसर पर अतिथियों एवं चातुर्मास के दौरान उत्कृष्ट सहयोग करने वालों का सम्मान जैन समाज एवं चातुर्मास कमेटी द्वारा किया गया। संचालन अनिल जैन भोपाल ने किया। पंडित प्रदीप जैन ने भजनों की प्रस्तुति दी। मंगलाचरण नृत्य ईशा पाटनी एवं भव्या बजाज, पूर्णि बजाज ने प्रस्तुत किया।

चातुर्मास के दौरान सेवा देने वाले और संयम नियम धारण करने वाले श्रद्धालुओं उषा बड़जात्या एवं महेंद्र अजमेरा को आर्यिका माताजी से पुरानी पिच्छिका लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। माताजी को नवीन पिच्छिका का भेंट करने का सौभाग्य अजीत अभिषेक रपरिया एवं रविंद्र राजीव रपरिया परिवार को प्राप्त हुआ। शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य अशोक बड़जात्या परिवार एवं महेंद्र अजमेरा परिवार को प्राप्त हुआ।

पिच्छिका के महत्व बताया

आर्यिका सुबोधमति ने कहा परमार्थ भाव से कमाया पुण्य मुक्ति का कारण बनता है। पिच्छिका का वजन तो कम होता है, लेकिन इसे धारण करने वाले का व्यक्तित्व बहुत भारी होता है। पिच्छिका रत्नत्रय का प्रतिक होती है और रत्नत्रय के धारी इसे धारण करते हैं। इसकी दण्डी सम्यक ज्ञान, पंख सम्यक चारित्र और डोरी सम्यक ज्ञान का प्रतिक माने जाते हैं।आर्यिकाश्री ने पिच्छिका के महत्व पर प्रकाश भी डाला।

जिओ और जीने दो का सिद्धांत ध्यान रखें

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार आज इस पुरानी पिच्छिका का परिवर्तन हो रहा है, उसी प्रकार संसार भी परिवर्तनशील है। इसलिए मोक्ष मार्ग पर चलने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में परिवर्तन लाना चाहिए। पिच्छिका संसार की विषय-वस्तुओं को बहुत हल्का कर देती है। हमारे अच्छे और बुरे कार्य ही हमारे परिणामों का कारण बनते हैं। जिओ और जीने दो के सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए जो कल्याण की भावना के साथ आगे बढ़ते हैं,उनका जीवन महत्वपूर्ण है।

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