Chhattisgarh

राष्ट्रहित में संकल्प: धमधा के किसानों ने पाकिस्तान भेजना बंद किया टमाटर

क्षेत्र के सफल कृषक एवं अध्यक्ष जनपद पंचायत धमधा लीमन साहू (पथरिया) ने 13 एकड़ में उत्पादन किया और साफ कहा कि अब पाकिस्तान नहीं, केवल देश के भीतर व्यापार करेंगे

धमधा। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा है। इस बीच छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के धमधा ब्लॉक के किसानों ने एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने पाकिस्तान को टमाटर भेजना बंद करने का संकल्प लिया है। यह फैसला राष्ट्रहित में जनजागरूकता के रूप में लिया गया है और पूरे राज्य में चर्चा का विषय बना हुआ है।

टमाटर की सबसे बड़ी पैदावार वाला क्षेत्र


धमधा ब्लॉक प्रदेशभर में सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक क्षेत्र है। यहां 9514 हेक्टेयर क्षेत्र में टमाटर की खेती होती है, जिससे 1.90 लाख मीट्रिक टन टमाटर का उत्पादन होता है। इस क्षेत्र के 99 प्रतिशत किसान पहले पाकिस्तान को लगभग 1.10 लाख मीट्रिक टन टमाटर भेजते थे, जिसे अब पूरी तरह से रोक दिया गया है।

किसानों की देशभक्ति से भरा फैसला

क्षेत्र के सफल कृषक एवं अध्यक्ष जनपद पंचायत धमधा लीमन साहू (पथरिया) ने 13 एकड़ में उत्पादन किया और साफ कहा कि अब पाकिस्तान नहीं, केवल देश के भीतर व्यापार करेंगे।


संदीप सोलंकी (डोमा पथरिया) ने 16 एकड़ में टमाटर की खेती की है। उनका टमाटर पहले पाकिस्तान भेजा जाता था, लेकिन अब वे खुद का निर्णय लेकर इसे अन्य राज्यों में भेज रहे हैं।

पोखराज (कन्हारपुरी) ने 30 एकड़ में टमाटर लगाया है। वे अब उत्तर भारत के बाजारों में आपूर्ति कर रहे हैं।

कैसे जाता था टमाटर पाकिस्तान


किसानों के अनुसार, टमाटर राष्ट्रीय एजेंटों के माध्यम से रायपुर, गोरखपुर, नेपाल होते हुए पाकिस्तान पहुंचाया जाता था। रायपुर के होटलों में रुकने वाले ये एजेंट लोकल बिचौलियों से संपर्क करते और सीधे खेतों से सौदा तय कर ट्रक भेजते थे।

अब यहां भेज रहे हैं टमाटर


पाकिस्तान भेजना बंद करने के बाद किसान अब नागपुर, नासिक, यूपी, दिल्ली, आंध्रप्रदेश के व्यापारियों को टमाटर बेच रहे हैं। वर्तमान में टमाटर की कीमत 200 रुपए प्रति कैरेट चल रही है।

किसानों की यह पहल बनी देशभक्ति की मिसाल


धमधा के किसानों ने यह फैसला किसी सरकारी आदेश से नहीं, स्वेच्छा से राष्ट्रप्रेम के भाव से लिया है। उन्होंने साफ कहा कि देश पहले है, मुनाफा बाद में। ऐसे समय में जब सीमा पर सैनिक ऑपरेशन सिंदूर जैसी कार्रवाई कर रहे हैं, किसान अपने हिस्से की देशभक्ति निभा रहे हैं।

यह फैसला अब न सिर्फ धमधा ब्लॉक, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और देश के किसानों के लिए प्रेरणा बन गया है।

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