रायसेन दरगाह पर कार्यक्रम: तीन दिवसीय उर्स का कुल की दुआ के साथ समापन, रात एक बजे तक कव्वालियों का हुआ आयोजन

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रायसेन29 मिनट पहले
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रायसेन में शहंशाहे मालवा के नाम से मशहूर सूफी संत बाबा पीर फतह उल्लाह साहब की पवित्र मजार शरीफ दरगाह पर सालाना उर्स का समापन हो गया। सोमवार सुबह कुल की दुआ हुई। पूरी रात कव्वालों ने समां बांधा।
801वां तीन दिवसीय उर्स चल रहा था। आज सुबह कुल की दुआ और रंग कार्यक्रम के बाद अकीदत कर चादर चढ़ाई गई। सालाना उर्स को लेकर दरगाह शरीफ को रंग-बिरंगी बिजली से सजाया गया। बीती रात एक बजे तक कव्वालियों का आयोजन किया गया। इसमें उज्जैन, कोटा राजस्थान, बिजनौर के कब्बालों ने अपने फन और हुनर की प्रस्तुति देकर आनंदित कर दिया। इन कव्वालों ने देश प्रेम और आपसी एकता, अखंडता, भाईचारा बढ़ाने वाली कव्वालियों की प्रस्तुति दी।


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