पैर फिसलने से कुएं में गिरी बच्ची: अस्पताल में डॉक्टर नहीं मिला तो तोड़ दम, परिजन बोले- समय पर इलाज मिलता तो बच जाती जान

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- If The Doctor Was Not Found In The Hospital, Then The Family Members Said – If Treatment Was Given On Time, Life Would Have Been Saved.
मांडू26 मिनट पहले
नालछा के नयापुरा गांव में आज बकरी चराने गई 13 वर्षीय बालिका कुएं से पानी पीने के दौरान कुएं में जा गिरी। पैर फिसलने से यह हादसा हुआ। वहां मौजूद लोगों ने बच्ची को तुरंत कुएं से बाहर निकाला। बच्ची को नालछा के सरकारी अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहां डॉक्टर नहीं मिले, बच्ची के परिजन डॉक्टर को ढूंढते रहे लेकिन कोई डॉक्टर नहीं मिला। इतनी देर में बच्ची ने दम तोड़ दिया। बच्ची की मौत के बाद परिजन ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर लापरवाही के
आधे घंटे तक डॉक्टर ढूंढते रहे परिजन
दरअसल आज नालछा के ग्राम नयापुरा के जंगल में बकरियां चराने गई 13 वर्षीय पूजा पिता कमल पानी पीने के दौरान कुएं में डूब गई, जिसके बाद परिजनों ने उसे ढूंढकर बाहर निकाला और नालछा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर 108 एंबुलेंस की मदद से लेकर पहुंचे, परिजनों का कहना है कि अस्पताल में कोई भी डॉक्टर या स्टॉफ सदस्य नहीं मिला। परिजनों ने आरोप लगाया कि समय पर बालिका को इलाज मिल जाता तो वह बच सकती थी।

खाली पड़ी डॉक्टर की कुर्सी
डॉक्टर बोले, बालिका की मौत पहले हो गई थी
इस पूरे मामले पर जब वहां के प्रभारी चिकित्सक डॉ लोकेंद्र सिंह रावत से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि स्टॉफ यहीं पर था वे भी अपने क्वार्टर पर ही थे। उन्होंने ही समय पर बालिका को चेक कर मृत घोषित किया और शव को धार चिकित्सालय पोस्टमार्टम के लिए निजी वाहन से धार ले जाने को कहा, जिस पर लाचार मां बाप हॉस्पिटल के सामने बाहर रोते बिलखते नजर आए।
इधर, नालछा ब्लॉक के अंतर्गत 67 पंचायतें लगती है और सभी ग्रामीण लोगों के लिए नालछा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महत्वपूर्ण है ऐसे में पिछले 5 वर्षों से पोस्टमार्टम भवन बनाया जा रहा है जो आज भी कागजों पर है।
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