Chhattisgarh

भू-विस्थापितों ने रोजगार देने की मांग को लेकर कुसमुंडा खदान में 2 घंटे मिट्टी खनन का कार्य बंद किया

कोरबा, 02 नवम्बर । छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के नेतृत्व में बरपाली गेवरा समेत अन्य प्रभावित गांव के भू विस्थापितों ने नीलकंठ आउट सोर्सिंग कंपनियों में प्रभावित गांव के बेरोजगारों को 100% रोजगार देने की मांग को लेकर मिट्टी खनन का कार्य को बंद करा दिया 2 घण्टे काम बंद होने के बाद नीलकंठ कंपनी के अधिकारी प्रभावितों से बात करने पहुंचे और प्रभावितों को प्राथमिकता के साथ काम में रखने का आश्वासन दिया जिसके बाद आंदोलन समाप्त हुआ।

कुसमुंडा खदान से प्रभावितों ने कहा कि खनन कार्य में प्रभावितों को काम उपलब्ध नहीं कराने पर मिट्टी के साथ कोयला उत्पादन को भी बंद कराया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि किसान सभा और रोजगार एकता संघ के नेतृत्व में रोजगार और पुनर्वास की मांग को लेकर लंबे समय से संघर्ष किया जा रहा है


किसान सभा और भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के उपाध्यक्ष सुमेंद्र सिंह ठकराल ने आरोप लगाया है कि स्थानीय भूविस्थापित बेरोजगारों को रोजगार देने के बजाए इस क्षेत्र के बाहर के लोगों को रोजगार बेचा जा रहा है और इसमें एसईसीएल प्रबंधन और आउटसोर्सिंग कंपनियों की पूरी मिलीभगत है। उन्होंने कहा कि विस्थापन प्रभावित लोगों के लिए रोजगार का प्रबंध करना एसईसीएल की जिम्मेदारी है,लेकिन अपने इस सामाजिक उत्तरदायित्व को पूरा करने से मुकर रहा है।
खदान बंद आंदोलन में प्रमुख रूप से प्यारे दिवाकर, फणीन्द्र दिवाकर, अजय, सत्यनारायण, रजनी,बृजमोहन, नारायण,बृजेश उपस्थित थे।

Related Articles

Back to top button