रात 12 बजे होगी महानिशा आरती: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना के बाद पंचामृत का लगाया भोग

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सीहोर6 घंटे पहले

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सीहोर के विश्रामघाट स्थित प्रसिद्ध मरीह माता चौसट योगिनी मंदिर में इन दिनों नवरात्रि पर्व आस्था और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। मंगलवार की सुबह नवरात्रि के दूसरे दिन पंडित उमेश दुबे के मार्गदर्शन में मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना के बाद पंचामृत का भोग लगाया गया। शहर के देवी धाम में हर रोज बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे है। मंदिर के व्यवस्थापक रोहित मेवाड़ा और पंडित मनोज दीक्षित मामा सहित अन्य ने मंदिर में आकर्षक साज-सज्जा की है। आगामी 3 अक्टूबर को महाष्टमी पर हर साल की तरह इस साल भी रात 12 बजे महानिशा आरती की जाएगी।

मंगलवार को पंडित दुबे ने बताया कि नवरात्रि के दूसरे दिवस मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन मां के इस स्वरूप को शक्कर और पंचामृत का भोग लगाया जाता है। माना जाता है ऐसा करने से व्यक्ति को लंबी आयु का वरदान मिलता है। पंचामृत का सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही महत्व नहीं है बल्कि इसका सेवन करने से व्यक्ति को सेहत से जुड़े कई लाभ भी मिलते हैं।

शास्त्रों में मां ब्रह्माचारिणी को ज्ञान और तप की देवी माना जाता है। कहा जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से मां ब्रह्माचारिणी की पूजा करते हैं, उन्हें धैर्य के साथ और ज्ञान की प्राप्ति होती है। ब्रह्म का मतलब तपस्या होता है, तो वहीं चारिणी का मतलब आचरण करने वाली। इस तरह ब्रह्माचारिणी का अर्थ है- तप का आचरण करने वाली।

मां ब्रह्माचारिणी के दाहिने हाथ में मंत्र जपने की माला और बाएं में कमंडल है। उन्होंने बताया कि यहां पर सुबह साढ़े बजे हवन-पूजन के पश्चात आरती की जाती है, इसके अलावा प्रतिदिन देवी का विशेष श्रृंगार किया जा रहा है। वहीं महाष्टमी को परम्परानुसार रात बारह बजे महानिशा आरती और नवमीं पर विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा। भंडारे में हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे।

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