केन्द्रीय आयुर्वेदिक प्रसंस्करण इकाई हर्बल एक्सटेंशन यूनिट वेयर हाउस एवं कामना फैसिलिटी का लोकार्पण कार्यक्रम

दुर्ग जिला के पाटन विधानसभा में केन्द्रीय प्रसंस्करण इकाई जामगांव एम.मे लोकार्पण किया गया मुख्य अतिथि माननीय श्री विष्णु देव सायं जी मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन श्री श्री १००८ महामंडलेश्वर श्री कैलाशानंद महाराज जी माननीय श्री केदार कश्यप जी वन एवं जलवायु जल संसाधन कौशल विकास एवं सहकारिता मंत्री छत्तीसगढ़ शासन, माननीय श्री विजय बघेल जी सांसद दुर्ग लोकसभा, श्री गजेन्द्र यादव जी विधायक दुर्ग, श्री ललित चंद्राकर जी विधायक दुर्ग ग्रामीण विधानसभा, श्री रीकेश सेन जी विधायक वैशाली नगर, श्री डोमन लाल कोर्सेवाडा जी विधायक अहिवारा, श्रीमती रमशीला साहू जी पूर्व मंत्री छ.ग शासन, जिला अध्यक्ष भाजपा सुरेन्द्र कौशिक जी सहित गणमान्य नागरिक गण के पावन आतिथ्य में संपन्न हुआ। मुख्यमंत्री जी ने हितग्राहीयो को चरण पादुका पहना कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।


यह परियोजना आयुर्वेदिक औषधियों के उत्पादन, संग्रहण एवं वितरण को सुव्यवस्थित करने में अहम भूमिका निभाएगी। हर्बल्स एक्सट्रैक्शन इकाई के माध्यम से स्थानीय वनोपज संग्रहकर्ताओं और किसानों को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। आयुर्वेदिक प्रसंस्करण इकाई छत्तीसगढ़ की समृद्ध वन संपदा को विज्ञान और आधुनिक तकनीक से जोड़कर फॉरेस्ट टू फार्मेसी मॉडल को साकार करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है।


27.87 एकड़ क्षेत्र में रू. 36.47 करोड़ की लागत से निर्मित आयुर्वेदिक प्रसंस्करण इकाई से प्रतिवर्ष लगभग रु. 50 करोड़ मूल्य के उत्पाद तैयार किए जाने का अनुमान है। यह इकाई प्रदेश में वनों में पाई जाने वाली औषधीय और लघु वनोपज जैसे महुआ, साल बीज, कालमेघ, गिलोय, अश्वगंधा आदि का संगठित एवं वैज्ञानिक प्रसंस्करण कर चूर्ण, सिरप, तेल, टैबलेट एवं अवलेह जैसे गुणवत्तापूर्ण आयुर्वेदिक उत्पादों का निर्माण करेगी। यह इकाई छत्तीसगढ़ हर्बल्स ब्रांड के तहत प्रदेश के उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पहचान दिलाने का प्रमुख केंद्र भी बनेगी।

परियोजना के अंतर्गत 1000 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इसमें बड़ी संख्या में महिलाओं की प्राथमिक प्रसंस्करण कार्यों में भागीदारी सुनिश्चित होगी, जिससे उन्हें स्वरोजगार का अवसर मिलेगा। वहीं युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त होने से स्थानीय स्तर पर आजीविका के नए द्वार खुलेंगे।

आयुर्वेदिक प्रसंस्करण इकाई में आधुनिक वेयरहाउस की 20,000 मीट्रिक टन की संग्रहण क्षमता विकसित की गई है, जिससे सीजनल वनोपजों के दीर्घकालीन संरक्षण एवं गुणवत्ता नियंत्रण में सहायता मिलेगी। यह परियोजना प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत के विजन को मूर्तरूप देती है। यह न केवल वन उत्पादों के स्थानीय मूल्य संवर्धन का उदाहरण प्रस्तुत करती है, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन, आर्थिक विकास और सामाजिक समावेशिता को भी सशक्त बनाती है।

