राज्यपाल बोले- राजभवन आराम की जगह नहीं: मंगूभाई पटेल बोले- मोदी की सलाह पर देख रहा हूं MP के गांव

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भोपाल12 मिनट पहले
मप्र के राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने आज बड़ी बात कही है। भोपाल के माधवराव सप्रे संग्रहालय में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने साहित्य कला और संस्कृति के क्षेत्र में काम करने वाले नर्मदा प्रसाद उपाध्याय और अध्यापन के साथ शोध करने वाले डॉ.शीलेन्द्र कुमार कुलश्रेष्ठ का सम्मान किया। कार्यक्रम में भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत, वरिष्ठ पत्रकार विजयदत्त श्रीधर, पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा मौजूद थे। सप्रे संग्रहालय में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने राज्यपालों और राजभवन की परंपराओं को लेकर बड़ी बात कही।
राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने कहा एक समय होता था जब राजभवन में बड़ी आयु वाले लोग संविधान की परंपरा को निभाते हुए रहा करते थे। राज्यपालों की पहली कॉन्फ्रेंस दिल्ली में हुई उसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द और प्राइम मिनिस्टर नरेन्द्र भाई भी थे। मुझे प्राइम मिनिस्टर की जगह नरेन्द्र मोदी बोलना ज्यादा ठीक लगता है क्योंकि उनके साथ मेरा बहुत पुराना परिचय है उस समय न तो मैं राजनीति में था और न ही नरेन्द्र भाई राजनीति में थे तब से परिचय है। उस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री ने बोला राजभवन आराम की जगह नहीं हैं दूर गांव जाकर पिछड़े समाज की परिस्थिति जानकार कैसे उन्हें सुविधाएं दी जाएं ये राजभवन लोक कल्याण के लिए है। मैं मप्र के गांवों में जाकर गरीब, किसान, आदिवासियों से मिलकर उनकी पीड़ा जान रहा हूं।

कार्यक्रम में मौजूद मप्र के राज्यपाल मंगू भाई पटेल, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत, वरिष्ठ पत्रकार विजय दत्त श्रीधर।
मोदी की सलाह पर एमपी के 52 में से 39 जिलों का दौरा किया
राज्यपाल ने कहा मैं बहुत सालों से सामाजिक कार्य करते हुए मैंने जीवन बिताया है मैं इतने गरीब घर से आता हूं जिसकी आप कल्पना नहीं कर सकते।आदमी चाहे जितना गरीब हो लेकिन उसकी सोच अच्छी हो तो रास्ता मिलता है। कभी रास्ता बंद नहीं होता। जब से मैंने राज्यपाल की जिम्मेदारी संभाली उसके बाद 4–5 महीने चुनाव की आचार संहिता लगी थी कोरोना का माहौल था मैं भी थोड़ा चपेट में आ गया था। अब तक मप्र के 52 जिलों में से 39 जिलों में जाकर आया हूं। स्थानीय लोगों से मिला गोष्ठियां कीं। कभी अनपढ़ लोगों के बीच गया तो लोग खुलकर बोलने में संकोच करते हैं कई बार ये सोचते हैं कि बोलने से मैं बुरा न मान जाऊं। लेकिन मैंने लोगों से कहा आपके मन में जो भी है खुलकर बताईए मुझसे जो बनेगा मैं आपकी समस्या को दूर करने की कोशिश करुंगा। तो कई बड़ी बातें सुनने को मिलतीं हैं।
मेरे दौरे की खबर से ही हल हो जातीं हैं गांव की समस्याएं
राज्यपाल ने कहा मुझे किसी जिले में जाना होता है तो मैं सभी गांवों की जानकारी नहीं देता। पांच गांवों में जाने का प्लान बनाता हूं लेकिन अचानक बताता हूं कि मुझे इस गांव में जाना है तो उस गांव की समस्या भी पता चल जाती है जहां मेरा पहले से तय कार्यक्रम नहीं होता। जिन गांवाें में मेरा पहले से जाने का कार्यक्रम तय होता है वहां राज्यपाल आने वाले हैं यही सोचकर अधिकांश काम जल्दी करा दिए जाते हैं। गांव के लोग कहते हैं कि आप पहले राज्यपाल हैं आज तक कोई राज्यपाल गांव में नहीं आया। कैसा भी घर हो झाेपड़ा हो मैं उनके साथ बैठकर भोजन करके चर्चा करता हूं।
मैं पद से बड़ा हूं मगर विचार से उनका मददगार बनूं ऐसा व्यवहार करता हूं। घर के मालिक की पीठ पर हाथ रखकर बच्चों और परिवार के बारे में पूछता हूं। लोग बहुत भावुक हो जाते हैं आज तक किसी ने हमसे ऐसा पूछा नहीं हैं। मैं उन लोगों से कहता हूं कि आपको जरूरत पडे़ तो मुझे फोन भी कर सकते हो पत्र भी लिख सकते हो।

सम्मान समारोह में मौजूद पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा।
राजनेताओं को दी सलाह, गरीबों के लिए काम करेंगे तो घर-घर नहीं घूमना पड़ेगा
राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने कहा मैं राजनेतिक क्षेत्र में काम करने वालों को कहता हूं आपको पांच साल का मौका मिला तो ऐसा काम करो कि गरीब लोग जीवन भर याद करें। पांच साल के बाद घर-घर घूमने नहीं जाना पड़ेगा। कई चतुर लोग होते हैं। जिस गरीब का काम हुआ है वो जीवन भर आपको याद रखेगा। मैं तो बहुत बड़ा हो गया हूं राज्यपाल बन गया हूं अगर ये मैंने साेचा ये भाव मेरे अंदर आ गया तो समझ लो काम हो गया। ईश्वर के बिना कोई पूर्ण मानव नहीं हैं।
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