युद्ध स्तर पर युष्मान कार्ड: रात में भी बना रहे हैं आयुष्मान कार्ड, दिन ढलने का करते हैं इंतजार

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खरगोनएक घंटा पहले
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जिलेभर में आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। सचिव, जीआरएस या मोबलाइजर दिन ढलते ही गांव में लोगों के लौटने का इंतजार करने लगे हैं। यह इंतजार 5 लाख रुपए तक का नि:शुल्क इलाज देने के लिए हैं। इसी की कवायद युद्ध स्तर पर रात 10 बजे तक और सुबह 7 बजे से जारी है।
ग्रामीण अमला गांव की चौपाल, मंदिर की सीढ़ियों या किसी टपरी या खटिया लगाकर लाइट की व्यवस्था कर लेपटॉप लेकर आयुष्मान कार्ड बनाने में जुटे हैं। इस एक कार्ड के महत्व को समझते हुए सभी जनपद सीईओ रात में भी गांव की रुख करने लगे हैं। जनपद सीईओ गांवों में रात्रिकालीन भ्रमण पर समीक्षा करते हुए लोगों को समझाइश भी दे रहे हैं। हर स्तर पर मॉनीटरिंग की जा रही है। जिलेभर में शुक्रवार को एक दिन में 494 से ज्यादा कार्ड बनाए हैं।
महेश्वर जनपद की इन पंचायतों में बने 90 फीसदी आयुष्मान कार्ड
महेश्वर जनपद की कुछ ऐसी पंचायतें है जहां आयुष्मान कार्ड बनाने का कार्य 90 प्रतिशत से अधिक हो गया है। महेश्वर की जलकोटा ग्राम पंचायत में 93.16 प्रतिशत, मोहद में 92 प्रतिशत, गुलावड में 99.47 प्रतिशत, कवडिया में 98.82 प्रतिशत, बथोली में 92.38 प्रतिशत, घटियाबेड़ी में 93.75 प्रतिशत, मंदौरी में 96.43 प्रतिशत, कतरगांव में 98.59 प्रतिशत तथा सोमाखेड़ी ग्राम पंचायत में 90.18 प्रतिशत आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं।
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