रसोई का बेलन बन सकता है बरकत या बदहाली की वजह! जानिए वास्तु के ये जरूरी नियम

Dharm: भारतीय संस्कृति में रसोई को सिर्फ खाना बनाने की जगह नहीं, बल्कि घर की समृद्धि माना गया है। जिस तरह घर के देवस्थान का महत्व होता है, उसी तरह रसोई में मौजूद हर वस्तु भी अपनी खास ऊर्जा लिए होती है। खासकर बेलन और चकला, जिन्हें मां अन्नपूर्णा और मां लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है।कहते हैं, इन्हें सही तरीके से रखा और उपयोग किया जाए तो घर में बरकत बनी रहती है, लेकिन छोटी-सी लापरवाही भी लक्ष्मी के वास में बाधा डाल सकती है। आइए जानते हैं बेलन से जुड़ी कुछ जरूरी वास्तु बातें —
- पहली रोटी का दान—अन्नपूर्णा की कृपा पाने का उपाय
धार्मिक मान्यता है कि हर दिन बनी पहली रोटी गाय को खिलाना बेहद शुभ होता है। इससे घर के पाप-दोष खत्म होते हैं और अन्न-धन की कभी कमी नहीं रहती। इस छोटे से नियम को अपनाने से घर में सुख, शांति और समृद्धि का संचार होता है।
- बेलन और चकला हमेशा रखें साफ और सीधा
रोटी बनाने के बाद बेलन-चकला को गंदा या उल्टा छोड़ना वास्तु दोष माना गया है। बेलन को कभी भी चकले पर खड़ा न रखें ऐसा करने से घर की सकारात्मक ऊर्जा घटती है। हमेशा इन्हें साफ करके सूखे, सुरक्षित स्थान पर ही रखें।
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- शुक्रवार को करें नया चकला-बेलन दान
अगर लंबे समय से आर्थिक परेशानी या रुकावटें चल रही हैं, तो शुक्रवार को नया चकला-बेलन खरीदकर किसी जरूरतमंद महिला को दान करें।
यह दिन मां लक्ष्मी और शुक्र ग्रह से जुड़ा माना जाता है। इस उपाय से धन संबंधी अड़चनें दूर होती हैं और घर में स्थायी समृद्धि आती है।
- बेलन का इस्तेमाल गुस्से में न करें
कई बार महिलाएं या घर के लोग झगड़े में बेलन को गुस्से का हथियार बना लेते हैं। यह न केवल नकारात्मकता बढ़ाता है, बल्कि लक्ष्मी का अपमान भी माना जाता है। बेलन का उपयोग केवल रसोई के काम में, आदरपूर्वक करें।
- रसोई की सफाई है लक्ष्मी का स्वागत
रसोई जितनी स्वच्छ होगी, घर में उतनी ही सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी। धूल, तेल की गंदगी या बिखरे अनाज को रोजाना साफ करें। एक साफ और सुगंधित रसोई में मां लक्ष्मी का वास होता है और घर में बरकत बढ़ती है।




