रवि शास्त्री महाराज ने कहा: नृसिंह का गुस्सा शांत करने शिवजी ने लिया था अवतार

[ad_1]

दमोह29 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
कथा वाचक रवि शास्त्री महाराज - Dainik Bhaskar

कथा वाचक रवि शास्त्री महाराज

स्थानीय जबलपुर नाका स्थित राजा पटना बैंक के पास चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस में कथा वाचक रवि शास्त्री महाराज ने कहा कि भगवान श्रीहरी विष्णु के नरसिंह अवतार लेने की कथा तो सभी जानते हैं लेकिन भगवान के उस अवतार को शांत करने के लिए स्वयं भगवान शिव को भी अवतार लेना पड़ा था।

शिव पुराण में इसका वर्णन किया गया है। यह अवतार भगवान शिव के शरभ अवतार से जुड़ा है। जो भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार से भी ज्यादा भयंकर है। शास्त्री ने कहा कि हिरण्यकश्यपु का पुत्र प्रहलाद जन्म से ही भगवान श्रीहरि विष्णु का परम भक्त था लेकिन उसके पिता हिरण्यकश्यप विष्णु को भगवान नहीं मानता था। उसने तीनों लोकों में स्वयं को भगवान घोषित किया हुआ था। अपने पुत्र के विष्णु भक्त होने के कारण हिरण्यकश्यप ने कई बार उसका वध करने का प्रयास किया, लेकिन भगवान विष्णु हमेशा अपने भक्त प्रह्लाद के प्राणों की रक्षा कर लेते थे।

उनका क्रोध दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा था। एक दिन उनके संयम की सीमा समाप्त हो गई। उसी क्रोध में उन्होंने नरसिंह अवतार लिया जो कि अत्यधिक भयानक था। उन्होंने अपने इन्हीं नाखूनों की सहायता से हिरण्यकश्यप का पेट फाड़ दिया तथा उसका वध कर दिया। विष्णु पुराण के अनुसार यह कथा यही समाप्त हो जाती हैं। लेकिन शिव पुराण के अनुसार भगवान नृसिंह का क्रोध शांत नहीं होता है।

इसके बाद धरती थरथराने लगती हैं। देवतागण भयभीत होकर शिवजी के पास जाते हैं। तब भगवान शिवजी ने शरभ अवतार लिया था। इसके बाद नृसिंह भगवान का क्रोध शांत किया था। कथा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।

खबरें और भी हैं…
[ad_2]
Source link

Related Articles

Back to top button