रतलाम के विरुपाक्ष महादेव मंदिर में दीपोत्सव: फोटो-वीडियो में देखिए विरुपाक्ष महादेव मंदिर का विहंगम दीपोत्सव

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रतलाम40 मिनट पहले

महाकाल लोक के लोकार्पण के अवसर पर मध्य प्रदेश के 25 हजार मंदिरों के साथ रतलाम के प्रसिद्ध विरुपाक्ष महादेव मंदिर परिसर में भी दीपोत्सव मनाया गया है। इस मौके पर भगवान विरुपाक्ष महादेव के मंदिर को 21 हजार दीपों से सजाया गया। बिलपांक स्थित विरुपाक्ष मंदिर के विहंगम दृश्य को ड्रोन कैमरा से फिल्माया गया। जिसमें भगवान् विरुपाक्ष के मंदिर और परिसर की भव्य सुंदरता अलग ही दिखाई पड़ रही है । करीब 100 मीटर की ऊंचाई से विरुपाक्ष महादेव मंदिर परिसर दीपों की झिलमिलाहट के साथ किसी बड़े आकार के शिवलिंग की तरह नजर आता है । पौराणिक महत्त्व के इस मंदिर के जीर्णोद्धार और भव्य कॉरिडोर बनाने का प्रोजेक्ट तैयार कर लिया गया है।जिसके बाद बिलपांक में भी महाकाल कॉरिडोर की तरह भगवान् विरुपाक्ष मंदिर भी भव्य रूप में नजर आएगा ।

100 मीटर की ऊंचाई से विरुपाक्ष महादेव मंदिर परिसर दीपों की झिलमिलाहट के साथ किसी बड़े आकार के शिवलिंग की तरह नजर आता है

100 मीटर की ऊंचाई से विरुपाक्ष महादेव मंदिर परिसर दीपों की झिलमिलाहट के साथ किसी बड़े आकार के शिवलिंग की तरह नजर आता है

13 वां ज्योतिर्लिंग कहलाता है बिलपांक का विरुपाक्ष महादेव मंदि

प्राचीन विरुपाक्ष महादेव मंदिर की बनावट इसे खास बनाती है। इस मंदिर में कई शैलियों का समावेश है।1964 में बिलपांक में ही खुदाई के दौरान प्राप्त एक शिलालेख के अनुसार इस मंदिर का जीर्णोद्धार संवत 1198 में गुजरात के चक्रवर्ती राजा सिद्धराज जयसिंह द्वारा किया गया था। कई श्रद्धालु इसे 13वां ज्योतिर्लिंग भी मानते हैं। 64 खंभों पर यह मंदिर बना हुआ है और मान्यता है कि कोई इन्हे गिन नहीं पाता है। इसी वजह से इस मंदिर को भूलभुलैया वाला मंदिर भी कहते है। यहां वर्षो पहले से महाशिवरात्रि पर यज्ञ का आयोजन होता आ रहा है।

ड्रोन वीडियो – यशराज फोटोग्राफी

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