सूदखोर ने थाने में युवक को पिटवाया: भोपाल में तीन हजार कर्ज नहीं चुकाने पर पुलिस से उठवाया, आरोप- कॉन्स्टेबल ने पट्‌टे से पीटा

[ad_1]

  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Bhopal
  • Raised From Police For Non payment Of Three Thousand Loans In Bhopal, Allegation Constable Beaten Up On Lease

भोपाल24 मिनट पहले

भोपाल के स्टेशन बजरिया इलाके के सूदखोर से कर्ज लेने वाले युवक ने बजरिया थाने के दो पुलिसकर्मियों पर मारपीट का आरोप लगाया है। युवक का कहना है कि सूदखोर के कहने पर पुलिसकर्मी उसे थाने लेकर पहुंचे। इसके बाद कमरे में बंद कर उसे पट्‌टे से पीटा। उसके शरीर पर चोट के निशान हैं। इसके बाद उसी पुलिसकर्मियों ने धमकी दी कि किसी से शिकायत की, तो झूठे केस में फंसाकर जेल भेज देंगे। रविवार सुबह परिजन उसे बजरिया थाने लेकर पहुंचे। पुलिस ने मेडिकल करवा कर सूदखोर के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिसकर्मियों की भूमिका को लेकर जांच शुरू कर दी है। टीआई अनिल मौर्य ने बताया कि युवक के साथ सूदखोर ने मारपीट की है।

जानकारी के मुताबिक संतोषी माता चौराहा रोशनबाग ऐशबाग निवासी गीतेश साहू (32) भोपाल रेलवे स्टेशन के सामने जैन होटल में जॉब करता है। उसने बताया कि तीन महीने पहले नौकरी छूटने पर उसने रेलवे स्टेशन प्लेटफाॅर्म-1 की तरफ रहने वाले मनीष अग्रवाल से तीन हजार रुपए उधार लिए थे। 800 रुपए लौटा चुका है। शनिवार रात करीब आठ बजे वह होटल में बैठा था। इसी बीच, सूदखोर मनीष अग्रवाल बजरिया थाने के कॉन्स्टेबल मनीष के साथ स्कूटी से होटल पहुंचा।

कॉन्स्टेबल ने गीतेश से कहा कि 10 मिनट के लिए थाने चलो। तुम दोनों को आमने-सामने बैठाकर हिसाब-किताब बना देते हैं। कॉन्स्टेबल के भरोसे में आकर गीतेश उनकी गाड़ी में बैठ गया। दोनों उसे थाने लेकर पहुंचे। थाने के बाहर से ही उसे पीटने लगे। अंदर ले जाकर कॉन्स्टेबल मनीष, जेपी उसे एक कमरे के अंदर बंद कर लिया। गीतेश का कहना कि दोनों कॉन्स्टेबल ने कमरे के अंदर रखा चक्की के पट्‌टा निकाला। इसके बाद उसे तब तक पीटा, जब तक बेसुध नहीं हो गया। इसके बाद उसे पुलिसकर्मियों ने यह कहते हुए छोड़ा कि किसी से शिकायत नहीं करेगा। पुलिस की पिटाई से कराहता हुआ गीतेश घर पहुंचा। उसने परिजनों को घटना के बारे में जानकारी दी।

छतरी लगाने के लिए लिया कर्ज
गीतेश ने बताया कि तीन महीने पहले नौकरी छूट गई थी। ऐसे में उसने दूससंचार कंपनियों के मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव के लिए छतरी बनाने का काम शुरू करने के लिए मनीष अग्रवाल से कर्ज लिया था। तीन दिन पहले हिसाब हुआ था। इसमें मनीष ने बताया था कि 1200 रुपए ब्याज हो गए हैं। थाने में पुलिसकर्मी मनीष ने ब्याज, मूल जोड़कर बताया कि 3750 रुपए हुए हैं। पुलिसकर्मी मनीष ने धमकाया कि अगले रोज पैसा दे देना। नहीं दोबारा इसी तरह थाने में पिटाई होगी।

पैसा नहीं था, इसलिए कर्ज नहीं चुका पाया
गीतेश का कहना कि उसकी आर्थिक स्थित ठीक नहीं है। हाल ही में वह होटल में जॉब करने लगा है। मनीष उसे जब भी मिलता था, पैसा मांगता था। मैंने कभी भी उसे पैसा देने से मना नहीं किया। 800 रुपए ब्याज दे चुका हूं। पूरा पैसा इस महीने का वेतन मिलने पर दे देता, लेकिन उसे भरोसा नहीं हो रहा था। उसने दो कॉन्स्टेबलों से सांठगांठ कर बेरहमी से पिटवाया। पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

खबरें और भी हैं…
[ad_2]
Source link

Related Articles

Back to top button