यूनिक री-यूनियन विजिट: 48 साल नूतन नगर में साथ रहे 50 परिवार 19 साल बाद पुरानी यादों को संजोने 1 दिन के लिए फिर लौटे

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खरगोन2 घंटे पहले
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पचपन में बचपन की यादें : सांसद ने खेले कंचे, बुजुर्गों ने चेयररेस
यहां हमारा घर था। मैं यहां रंगोली बनाती थी। हम यहां गिल्ली-डंडे खेलते थे। इस पर पेड़ पर चढ़कर खूब केरियां तोड़ी। यहां कॉलोनी के बुजुर्ग बैठ कर गपशप करते थे। अरे, हमारे घर की टाइल्स तो अब तक यही पड़ी है। कॉलोनी के इसी स्कूल में तो हम सब पढ़े हैं। इस जगह हर दशहरे पर हम करते थे रावण के पुतले का दहन और यहीं खेलते थे गरबा। एक खुले मैदान में कई लोग परिवार के साथ यहां-वहां घूम इस तरह की बातें करते हैं।
इसी दौरान एक अम्माजी की आंखें भी नम हो जाती है और वे कहती हैं, जानें कहां गए वो दिन, यहां कितनी चहल-पहल व रौनक हुआ करती थी। आज सब वीरान व उजाड़ पड़ा है। यह सारी बातें रविवार को शहर के नूतन नगर के खाली व वीरान पड़े मैदान पर सुनने को मिली।
रविवार को नूतन नगर में वर्ष 1955 से 2003 तक रहे 50 से अधिक परिवारों के लोग यहां एकत्रित हुए। इनमें कोई अहदाबाद से आया तो कोई मुंबई से, कोई भोपाल से तो कोई इंदौर या खंडवा से। हर कोई यहां अपनी पुरानी यादों को संजोता और एक-दूसरे से बांटता नजर आया। पुरानी यादें ताजा करने जब कुछ लोग कंचे (गोटी) खेलने लगे तो यहीं के पूर्व निवासी खरगोन-बड़वानी के सांसद गजेंद्रसिंह पटेल भी अपने आपको रोक नहीं पाए और उन्होंने भी कंचे के खेल में हाथ आजमाए।
करीब 19 साल से वीरान पड़े नूतन नगर में एक दिन के लिए फिर बहार लौट आई। बाहर से आए सभी वासियों सहित स्थानीय नूतन नगरवासी एक निजी मैरिज गार्डन में एकत्रित हुए, जहां परिचय, खेलकूद, नाच-गाना आदि सहित भोजन भी साथ ही किया।
आयाेजन में सांसद नहीं कॉलोनी का वासी बनकर हुआ हूं शामिल : सांसद
करीब दो माह पूर्व सांसद गजेंद्रसिंह पटेल व भाजपा जिलाध्यक्ष राजेंद्र राठौड़ ने मिलकर योजना बनाई कि नूतन नगर में रहे सभी पुराने लोगों को एकबार एकत्रित किया जाए। बस फिर क्या था जो लोग नूतन नगर छोड़ने के बाद शहर में ही अन्य कॉलोनियों में रह रहे हैं, उन्होंने योजना बनाई और शरद पूर्णिमा का दिन तय किया। सभी पुराने वासियों को सूचना दी गई। मुंबई, अहमदाबाद, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, खंडवा आदि जगहों से यहां के रहवासी एक दिन पहले शनिवार को ही पहुंच गए और सभी ने रविवार को पूरा दिन साथ में गुजारा। सांसद गजेंद्रसिंह पटेल ने कहा- इस पूरे आयोजन में मैं सांसद बनकर नहीं बल्कि कॉलोनी का वासी बनकर शामिल हुआ हूं। आज पुराने सभी साथियों, पड़ोसियों आदि के पूरे परिवारों से मिलकर सारी यादें ताजा हो गई।
ये हुए मिलन समारोह में शामिल

महिलाओं ने नींबू रेस में भाग लिया।
नूतन नगर के पुराने वासियों के मिलन समारोह में मुंबई से आजिया मांडले, अहमदाबाद से अंजूम कुलश्रेष्ठ, संजय कुलश्रेष्ठ, कल्पना पाटिल, विजू पाटिल भोपाल से जयजीत अकलेचा, इंदौर से जितेंद्र पुरे, प्रशांत जोशी, कुसुम गुप्ता, उज्जैन से प्रफुल्ल ठक्कर व शर्मिला ठक्कर, महू से प्रेरणा ठक्कर, खंडवा से प्रविण ठक्कर आदि शामिल हुए। वहीं शहर के दीपक सोनी, श्याम परसाई, अनिल पाटिल, सुनील पाटिल, दिनेश अग्रवाल, मुकेश महाजन, राकेश कर्मा, मौसम तिवारी, आलोक शारदे, इंद्रजीत अकलेचा, कुलदीप सावले, नीमा गौर आदि कई परिवार शामिल हुए।
यह है नूतन नगर की कहानी
1955 में नूतन नगर की स्थापना हुई। यहां 50 से अधिक शासकीय आवासीय भवन बनाए। इनमें विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी, जनप्रतिनिधि आदि निवास करने लगे। एक समय नूतन नगर शहर की सबसे चर्चित कॉलोनी रही। यहां विभिन्न धर्म-सम्प्रदाय के लोग एकसाथ मिलकर सालभर अलग-अलग सांस्कृतिक आयोजन, खेलकूद आदि करते थे। यहां तत्कालीन सांसद, विधायक, जिपं अध्यक्ष सहित अन्य जनप्रतिनिधि भी रहे। 16 अगस्त 2003 को जिला प्रशासन द्वारा सभी से आवास खाली करवाकर पुराने हो चुके मकानों को तोड़ दिया। इसके बाद से यहां खाली जमीन पर कई योजनाएं बनी लेकिन अब तक कोई मुर्त रूप नहीं ले पाई है।
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