धोखधड़ी के मामले में राम कोटवानी को जेल: कोहिनूर निधि लिमिटेड के जरिए ग्राहकों के रुपयों में गबन का है आरोप

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मंदसौर9 घंटे पहले

कोहिनूर निधि लिमिटेड के मामले में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष राम कोटवानी की रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद न्यायालय ने उन्हें जेल भेज दिया। कोटवानी पर को-ऑपरेटिव सहकारी संस्था के जरिए ग्राहकों के रुपयों में धोखाधड़ी करते हुए ग्राहकों पैसा वापस नहीं लौटाने का आरोप है।

शहर कोतवाली पुलिस ने 16 सितंबर को नगर पालिका के सामने से उन्हें गिरफ्तार किया था। कोर्ट में पेश कर पुलिस ने रिमांड मांगा था। जहां कोर्ट में तीन दिन का रिमांड मिला था। इस दरमियान पुलिस को कोई जानकारी हासिल नहीं हुई। 19 सितंबर को पुलिस ने कोर्ट में यह दलील देते हुए दोबारा रिमांड मांगा कि कोटवानी जांच में सहयोग नहीं कर रहे है। पुलिस की दलील पर कोर्ट ने दो दिन का रिमांड और सौंपा था। रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद राम कोटवानी को न्यायालय में पेश किया गया। जहां से कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया। पांच दिन मिले रिमांड के बाद भी पुलिस राम से कुछ उगलवा नहीं पाई।

जानकारी मिली है कि कोटवानी ने पुलिस की जांच में कोई सहयोग नहीं किया। राम कोटवानी खुद वकील है, कानून की पेचिदगियां अच्छी तरह से जानते है। वकील पुखराज दशोरा ने बताया कि कोर्ट के आदेश के बाद हमने जमानत के लिए अर्जी लगाई है। इस पर गुरुवार को सुनवाई होगी।

यह था मामला

कोतवाली पुलिस के अनुसार फरियादी राजेश पिता मोहनलाल सोनी की शिकायत पर पुलिस ने कोहिनूर निधि लिमिटेड संस्था के डायरेक्टरों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज किया था। राजेश के अनुसार संस्था द्वारा आरडी,एफडी जरिये 4 लाख 10 हजार रूपए की राशि जमा करवाई थी, लेकिन समय अवधि पूरी होने के बाद भी संस्था द्वारा उसे निर्धारित राशि नही लौटाई। ऐसे अनेक निवेशक है, जिन्होंने संस्था में राशि जमा करवाई, लेकिन समयावधि पूर्ण होने की बारी आई तो संस्था के कर्ताधर्ता संस्था बंद कर फरार हो गए। संस्था के दो डायरेक्टर रईस और आदिल को कोर्ट पहले ही जेल भेज चुकी है। आरोप है कि कोटवानी ने पर्दे के पीछे रहकर धोखाधड़ी को अंजाम दिया था।

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