मेड़ा का इस्तीफा: तीन माह पहले ही वार्डन बने मेड़ा का इस्तीफा, आरोप लगाए- नियम विरुद्ध काम करवा रहे थे कुलसचिव

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उज्जैन35 मिनट पहले
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- तीन महीने पहले ही विश्वविद्यालय के डॉ कनिया मेड़ा को इस छात्रावास का वार्डन बनाया गया था
विक्रम विश्वविद्यालय के कुल में एक बार फिर कलह का मामला सामने आया है। ताजा मामले में विक्रम विश्वविद्यालय के शालीग्राम छात्रावास के वार्डन ने इस्तीफा देते हुए कुलसचिव पर नियम विरुद्ध कार्य करने का दबाव बनाने के आरोप लगाए हैं। हालांकि कुलसचिव ने इन आरोपों को निराधार बताया है। मामला विश्वविद्यालय के शालीग्राम छात्रावास की व्यवस्था से जुड़ा है। कुछ समय पहले ही कालिदास, सांदीपनि और भर्तृहरि छात्रावास को मर्ज करते हुए शालीग्राम छात्रावास में शिफ्ट किया गया है।
इस छात्रावास में 200 से अधिक छात्र हैं। तीन महीने पहले ही विश्वविद्यालय के डॉ कनिया मेड़ा को इस छात्रावास का वार्डन बनाया गया था। वह शिक्षक संघ के अध्यक्ष भी हैं। डॉ. मेडा ने आरोप लगाते हुए बताया कि छात्रावास में स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी संस्थान (एसओईटी) के एक अतिथि विद्वान को नियम विरुद्ध कॉर्डिनेटर बना रखा है। जबकि यहां वार्डन नियुक्त होने के बाद कॉर्डिनेटर की कोई आवश्यकता नहीं है। कई बार कुलसचिव डॉ. प्रशांत पुराणिक को उसे हटाने के लिए भी कहा गया लेकिन उन्होंने नहीं हटाया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने अतिथि विद्वान के भाई को भी यहां लिपिकीय कार्य के लिए रख दिया। जबकि छात्रावास में लिपिकीय कार्य के लिए अलग से कोई जरूरत नहीं है। अतिथि विद्वान ने एक सफाईकर्मी को भी रख लिया। कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय को उन्होंने यह इस्तीफा सौंपा है।
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