मेडिकल कॉलेज में सेमिनार: कमिश्नर ने छात्रों से की अपील, कहा- चिकित्सा क्षेत्र में अनुसंधान को दें नई दिशा

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शहडोल42 मिनट पहले

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मेडिकल कॉलेज में शनिवार को विश्व शारीरिक रचना विज्ञान दिवस पर सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कमिश्नर राजीव शर्मा ने सदस्य मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग मेघा पवार, समाजसेवी रंजीत वशाक, समाजसेवी सिस्टर दिव्या एवं अन्य समाजसेवियों को शाल-श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही उन्होंने मेडिकल स्टूडेंटों द्वारा बनाई गई चित्र एवं रंगोली प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किया।

कमिश्नर ने कहा है कि, किसी भी क्षेत्र में अनुसंधान कभी रूकता नहीं है। यह निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। आज अनुसंधान के लिए बेहतर संसाधन हैं। नई पीढ़ी शोध और अनुसंधान के क्षेत्र में अच्छा कार्य करेगी और हमारी पीढी ने अनुसंधान के क्षेत्र में जो ऊचाईयां हासिल की है, उससे आगे बढ़कर कार्य करेगी। शारीरिक विज्ञान के क्षेत्र में 15वीं एवं 16वीं शताब्दी में जो भी अनुसंधान हुए, वे अच्छे अनुसंधान थे। किंतु शारीरिक रचना विज्ञान का ज्ञान भारतीयों को सदियों पहले था।

आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सक पद्धतियों में शरीरिक विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण खोजे हुई। इन खोजों और अनुसंधान की तरफ भी देखने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि, समाज में असली करूणा चिकित्सक के पास होती है। देश की स्वतंत्रता के समय हमारी औसत आयु 42 वर्ष थी। जो आज बढ़कर लगभग 65 वर्ष हो चुकी है। जिसका श्रेय बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं और चिकित्सक क्षेत्र में हुए अनुसंधान को जाता है। मेडिकल कॉलेज के छात्रों से अपील करते हुए कहा कि, वे चिकित्सक के क्षेत्र में अनुसंधानों को नई दिशा दें।

डीन मेडिकल कॉलेज डॉ. मिलिंद शिरालकर ने कहा कि एनॉटोमी विषय काफी कठिन विषय है, किंतु इसकी उपयोगिता है। शारीरिक विज्ञान विषय का ज्ञान सभी मेडिकल स्टूडेंटों को होना चाहिए। सेमिनार को प्राध्यापक एनॉटोमी डॉ. एनएस त्रिडके, सहायक प्राध्यापक डॉ. एनएम अंसारी ने भी संबोधित किया।

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