मूर्धन्य कवियों पर दो दिनों तक हुआ चिंतन-मनन: युवा 2022 हिंदी युवा लेखकों का रजा समारोह का हुआ समापन

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मंडला2 घंटे पहले
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रजा जन्म शती वर्ष के दौरान मंडला में रजा फाउंडेशन एवं कृष्णा सोबती शिवनाथ निधि द्वारा हिंदी युवा लेखकों का रजा समारोह आयोजित हुआ। झंकार सभागार में युवा 2022 का दूसरा दिन मलयालम के अयप्पा पणिक्कर, उड़िया के रमाकांत रथ और मराठी के अरुण कोलटकर जैसे भारतीय भाषा के मूर्धन्य कवियों पर केंद्रित रहा।
शनिवार को पहला सत्र अयप्पा पणिक्कर पर केंद्रित था। जिसमें कवयित्री अनामिका अनु एवं मयंक ने अयप्पा की कविताओं पर विस्तृत वक्तव्य दिया। इसी प्रकार दूसरे सत्र में उड़िया के कवि रमाकांत रथ पर जगन्नाथ दुबे, कवयित्री नताशा एवं कवयित्री लवली गोस्वामी ने कवि रमाकांत की विशिष्टता पर व्याख्यान दिया। युवा 2022 का अंतिम सत्र मराठी के कवि अरुण कोलटकर पर एकाग्र था। इस सत्र में वक्ता के तौर पर कवयित्री पूनम वासम, अम्बर पांडेय, कवि वीरू सोनकर, आलोचक कुमार सुशांत एवं कवयित्री स्मिता सिन्हा ने अरुण कोलटकर की कविता पर अपनी राय प्रकट की।
युवा 2022 कार्यक्रम के समापन सत्र में पर्यवेक्षक कवि असंग घोष, कवि-कथाकार आनंद हरसुल, कवि नरेंद्र पुंडरीक, कवि-कथाकार-आलोचक प्रियदर्शन, वरिष्ठ कवि अरुण कमल और रजा फाउंडेशन के प्रबंध न्यासी और हिंदी के वरिष्ठतम कवि अशोक वाजपेयी ने उद्बोधन दिया। इस दौरान अशोक वाजपेयी ने कहा कि इस बार का युवा तीन अर्थों में ऐतिहासिक है। पहले अर्थों में पहली बार हिंदी को अखिल भारतीय स्वरूप देने की कोशिश, दूसरे अर्थों में हिंदी के युवाओं ने पहली बार गैर हिंदी कवियों पर व्यस्थित विचार किया और तीसरे अर्थों में यह रजा के जन्मशती के अवसर पर उनके जन्मस्थान मंडला में हुआ है।
कार्यक्रम के पश्चात सभी प्रतिभागियों ने रजा कला वीथिका का अवलोकन एवं नर्मदा के सुरम्य तट का भ्रमण भी किया।


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