मुरैना से ग्वालियर खींच लाई मौत: कहा था- थोड़ी देर में पहुंचने वाले हैं, घर से 7 किलोमीटर पहले मौत बनकर रॉन्ग साइड आया डंपर

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ग्वालियर41 मिनट पहले
बिड़ला अस्पताल में भर्ती घायल 70 वर्षीय कल्याण सिंह।
मुरैना के नूराबाद में हाइवे पर सड़क हादसे में 5 लोगों की मौत हुई है। 3 लोग जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। शायद आप नहीं जानते हैं कि यह लोग ग्वालियर के लिए निकले ही नहीं थे, लेकिन इनकी मौत इनको ग्वालियर तक ले आई और वापस लौटते समय यह हादसा हुआ। जहर खाकर आत्महत्या करने वाले जिस रिश्तेदार को यह देखने निकले थे वह मुरैना में भर्ती था। यह लोग पहले मुरैना पहुंचे। वहां से उसके ग्वालियर रैफर होने का पता चलते ही भूपेन्द्र की बोलेरो में गांव के और भी लोग सवार हो गए और यह ग्वालियर के लिए निकल पड़े। रात 11 बजे रिश्तेदार को देखा फिर अपने गांव बित्तोली के लिए निकल पड़े।
जब वह हाइवे पर नूराबाद थाने के पास थे और उनका गांव सिर्फ 7 किलोमीटर दूर था, तभी किसी के मोबाइल पर घर से कॉल आया। उसने कहा था बस पहुंचने वाले हैं, लेकिन शायद कोई नहीं जानता था कि चंद मीटर के फासले पर मौत इंतजार कर रही है। अचानक डिवाइडर छोड़कर एक डंपर मौत बनकर रॉन्ग साइड सामने आ गया। जिसके बाद इस हादसे में 5 लोगों की मौत हो चुकी है। यदि यह ग्वालियर नहीं आते तो शायद कुछ जान बच जातीं। कुछ मरने वाले ऐसे भी हैं जो सिर्फ बोलेरो के चक्कर में साथ आ गए।

सड़क हादसा के दृश्य
पता नहीं डंपर मौत बनकर सामने कहां से आ गया
हम तो ठीक जा रहे थे न जाने कहां से एक गिट्टी का डंपर मौत बनकर उल्टी तरफ से सामने आ गया। डंपर ने टक्कर मारी। उसी समय पीछे से आ रहे ट्रक ने पीछे से कुचल दिया। उसके बाद कुछ होश नहीं है कि क्या हुआ। बस नेक दूर ही घर रह गया था, पहुंचने वाले ही थे, पर मौत ने आ घेरा। घायल 70 वर्षीय कल्याण ने कुछ इस तरह घटना का जिक्र किया। वह खुद भी घायल है और उनका बेटा भूपेन्द्र (35) जो हादसे के समय बोलेरो चला रहा था, उसकी हालत नाजुक है। अभी कल्याण को यह भी नहीं बताया गया था कि इस हादसे में पांच जाने जा चुकी हैं। उन्हें कहा गया है कि सभी का अलग-अलग अस्पताल में इलाज चल रहा है।
ऐसे समझें पूरा हादसा
मुरैना नूराबाद के बित्तोली गांव निवासी भूपेन्द्र सिंह पुत्र कल्याण सिंह के पड़ोस में रहने वाले एक लड़के ने जहर खा लिया था। पहले उसे देखने के लिए सभी लोग मुरैना जिला अस्पताल पहुंचे थे, लेकिन वहां पता लगा कि उसे ग्वालियर रैफर कर दिया गया है। इसके बाद भूपेन्द्र ने अपनी बोलेरो उठाई और ग्वालियर के लिए निकल पड़े। साथ में गांव व परिवार व रिश्तेदार शामिल हो गए।
पहले भूपेन्द्र और उसके पिता ही आ रहे थे, लेकिन गांव के लोगों को पता लगा तो वह भी सवार हो गए। रात 11 बजे बजे जेएएच में रिश्तेदार को देखने के बाद सभी घर लौट रहे थे। भूपेन्द्र ने कॉल कर कहा था कि 40 मिनट में वह घर पहुंच जाएंगे। अभी वह हाइवे पर नूराबाद इलाके में घर से सिर्फ 7 किलोमीटर दूर ही थे कि सामने से एक डंपर मौत बनकर रॉन्ग साइड घुस आया। बोलेरो के पीछे पहले से ही एक तेज रफ्तार ट्रक दौड़ रहा था। जैसे ही डंपर ने टक्कर मारी उसी समय पीछे से ट्रक ने टक्कर दी। इसके बाद बोलेरो किसी प्लास्टिक के खिलौने की तरह कुचल गई। हादसे में पांच की मौत हो चुकी है तीन घायल हैं।
पिता बार-बार पूछ रहा, भूपेन्द्र कैसा है
हादसे में घायल बोलेरो के चालक भूपेन्द्र की हालत बेहद नाजुक है। ग्वालियर के बिड़ला अस्पताल में बुधवार शाम को 4.30 बजे उनका ऑपरेशन चल रहा था। उनके सिर से लेकर पैर तक कई हडि्डयां डैमेज हैं। वह घटना के बाद से ही बेहोश हैं। भूपेन्द्र के बहनोई वकील सिंह जो सेना में हवलदार हैं। उन्होंने बताया कि हालत बहुत ज्यादा नाजुक है। भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं सब ठीक हो जाए। भूपेन्द्र के पिता दूसरे रूम में भर्ती हैं। वह भी गंभीर घायल है। बीच-बीच में पूछ रहे हैं भूपेन्द्र ठीक है। उनको बताया नहीं गया कि भूपेन्द्र की हालत नाजुक है।
हालत बिगड़ी तो दिल्ली भी ले जा सकते हैं
घायल भूपेन्द्र के बहनोई वकील सिंह ने बताया कि अभी उनका ऑपरेशन चल रहा है। पर हालत बिगड़ती है तो दिल्ली भी ले जाना पड़ सकता है। वह सोच रहे हैं कि डॉक्टर इतना कर दें कि उनको आसानी से दिल्ली ले जाया जा सके।
दो घंटे तक पड़े रहे घायल
वकील सिंह ने बताय कि रात को ही पुलिस और राहगीरों की मदद से बोलेरो में फंसे लोगों को निकालकर ग्वालियर भेजा गया था। जेएएच में दो घंटे तक डॉक्टर ही नहीं दिखे। इतना बड़ा अस्पताल और घायलों का इलाज नहीं कर रहे थे। इसके बाद हमने फैसला लिया कि घायलों को बिड़ला अस्पताल ले जाएंगे।
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