विजयादशमी: टीकमगढ़ में पहले कुम्भकरण, फिर मेघनाथ और अंत में जलाया रावण का 30 फीट ऊंचा पुतला

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टीकमगढ़20 मिनट पहले
असत्य पर सत्य की विजय का पर्व दशहरा जिले भर में पारंपरिक तरीके से मनाया गया। टीकमगढ़ शहर में रात 8.40 बजे नजरबाग परिसर में 30 फीट लंबे रावण का दहन हुआ। साथ ही 20-20 फीट के मेघनाथ और कुम्भकर्ण के पुतलों का दहन हुआ।
रावण वध होते ही दर्शकों से भरा पूरा मैदान जय श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा। इसके बाद देवी प्रतिमाओं का चल समारोह निकाला गया। शोभायात्रा मार्ग पर बड़ी संख्या में लोग देर रात तक बैठे रहे।
बुधवार को श्रीराम के रावण पर विजय के इस पर्व का लोगों में उत्साह था, तो जगत-जननी की विदाई को लेकर उनकी आंखें नम थी। शाम को नजरबाग मंदिर प्रांगण में आयोजित सार्वजनिक कार्यक्रम में रावण के पुतले का दहन किया गया। वहीं मौसम में आए बदलाव से समिति के लोग परेशान दिखे। सुबह बारिश के बाद पुतले भीग गए थे। किसी तरह पॉलीथिन लगाकर पुतलों को पानी से बचाया गया। दोपहर में मौसम साफ होने के बाद एक बार फिर पुतलों पर रंग रोगन के बाद तैयार किया गया। मौसम की खराबी के चलते इस बार ज्यादातर नवदुर्गा समितियों ने दोपहर में ही प्रतिमाओं का विसर्जन कर दिया। रावण दहन के बाद करीब 25 से 30 झांकिया चल समारोह में शामिल हुईं।प्रतिमा विसर्जन का क्रम देर रात चलता रहा।
रामलीला मंडली के कलाकारों ने किया दहन
नजरबाग प्रांगण में रात 8.40 बजे विजय राघव मंदिर रामलीला समिति के कलाकारों ने रावण के पुतले का दहन किया। सबसे पहले कुंभकरण का पुतला जलाया गया। इसके बाद मेघनाथ और फिर अंत में रावण के पुतले का दहन हुआ। श्रीराम-लक्ष्मण, हनुमान सहित अन्य कलाकारों ने प्रशासनिक अमले के साथ रावण दहन की रस्म को पूरा किया।
इस अवसर पर नपाध्यक्ष अब्दुल गफ्फार, उपाध्यक्ष प्रतिनिधि संजय नायक, पूर्व मंत्री यादवेन्द्र सिंह बुंदेला, पूर्व भाजपा विधायक केके श्रीवास्तव, कलेक्टर सुभाष कुमार द्विवेदी, एसपी प्रशांत खरे, एसडीएम सीपी पटेल, तहसीलदार आरपी तिवारी, एसडीओपी सहित तमाम अधिकारी एवं पुलिस के जवान उपस्थित रहे।







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