इनकम टैक्स रिटर्न: आयकर देना मंजूर, पर सहकारी बैंकों में पैसे नहीं रखना चाहती संस्थाएं

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इंदौर43 मिनट पहले
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- सहकारी संस्थाओं को 31 अक्टूबर तक इनकम टैक्स रिटर्न भरने हैं
सहकारी संस्थाओं को 31 अक्टूबर तक इनकम टैक्स रिटर्न भरने हैं। कई संस्थाओं को निजी बैंक में अपना पैसा जमा करके मिलने वाले ब्याज पर आयकर भरना मंजूर है, लेकिन दूसरी सहकारिता संस्था में पैसा जमा करना नहीं चाहतीं, जबकि ऐसा करने पर आयकर से ब्याज में छूट मिलती है। यानी कि संस्थाएं अपनी अतिरिक्त पूंजी अन्य सहकारिता संस्थाओं में नहीं, बल्कि निजी या राष्ट्रीकृत बैंकों में जमा कर रही हैं। इसके पीछे उनकी सोच है सहकारिता संस्थाओं में धन सुरक्षित न रहना।
एक्सपर्ट कहते हैं, आयकर अधिनियम में सहकारिता संस्थाओं को मिलने वाले ब्याज पर आयकर में तभी छूट मिलती है, जब यह ब्याज किसी सहकारी बैंक या सहकारिता संस्थाओं से मिला हो। दूसरी तरफ सहकारिता संस्थाओं का कहना है कि इन संस्थाओं पर रिजर्व बैंक का सीधा नियंत्रण नहीं होता है। इस वजह से इन्हें जमा पूंजी डूबने का खतरा ज्यादा रहता है। इसके चलते वे पूंजी राष्ट्रीकृत बैंक में जमा करना ज्यादा ठीक समझते हैं।
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