मिशन एडमिशन: एमबीबीएस की 300 सीटें हुईं कम, काउंसलिंग के फर्स्ट राउंड से 2 कॉलेज बाहर

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भोपाल21 मिनट पहले

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भोपाल का महावीर काॅलेज और जबलपुर का सुख सागर कॉलेज मान्यता रिन्यूअल नहीं होने के कारण हुए लिस्ट से बाहर। - Dainik Bhaskar

भोपाल का महावीर काॅलेज और जबलपुर का सुख सागर कॉलेज मान्यता रिन्यूअल नहीं होने के कारण हुए लिस्ट से बाहर।

चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा एमबीबीएस और बीडीएस कोर्स में प्रवेश के लिए राज्य स्तरीय सयुंक्त काउंसलिंग नीट यूजी-2022 आयोजित की जा रही है। अब तक नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) से अप्रूवल नहीं मिलने के कारण काउंसलिंग के फर्स्ट राउंड से दो प्राइवेट मेडिकल कॉलेज बाहर हो गए हैं। इनमें भोपाल का महावीर मेडिकल कॉलेज और जबलपुर का सुख सागर मेडिकल कॉलेज शामिल हैं।

इन दोनों में ही 150-150 यानी कुल 300 सीटें हैं। इन 300 सीट में से 59 एनआरआई और दिव्यांग कोटे की हैं, लेकिन रिन्युअल नहीं होने से 241 ओपन के साथ इनको भी नुकसान होगा। इसके पहले डीएमई की तरफ 18 अक्टूबर को जो सूची जारी की गई थी, उसमें इन दोनों के साथ आरकेडीएफ कॉलेज भोपाल और अमलतास कॉलेज देवास के नाम भी नहीं थे।

सूची जारी होने के दो दिन यानी 20 अक्टूबर को सूची रिवाइज्ड की तो आरकेडीएफ और अमलतास के नाम वापस जोड़ दिए गए। डीएमई (डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन) ने बताया कि सिर्फ दो कॉलेज की मान्यता ही रिन्यूअल नहीं हो पाई। मामले में महावीर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि रिन्यूअल की प्रक्रिया चल रही है। सेकंड राउंड में नाम आ जाएगा। जबकि सुख सागर की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला।

अब 20 मेडिकल कॉलेजों में रह जाएंगी 2906 सीटें

दो कॉलेज के नाम नहीं हटने से पहले प्रदेश के 9 निजी कॉलेजों में 1950 सीटें थीं। इनमें से ओपन कैटेगरी की 1570 सीटें थी, लेकिन अब दो कॉलेजों की 300 सीटें कम हो गई। वहीं 13 सरकारी कॉलेजों में 2055 एमबीबीएस सीटें हैं। इनमें से ऑल इंडिया समेत अन्य कोटा लगने के बाद ओपन कैटेगरी में 1577 सीटें हैं।

यानी मप्र में अब एमबीबीएस के निजी व सरकारी मिलाकर 20 मेडिकल कॉलेज में कुल सीटों की संख्या 2906 रह गई है। फर्स्ट राउंड काउंसलिंग के तहत शुक्रवार को मेरिट लिस्ट जारी होगी। 22 से 25 अक्टूबर तक च्वाइस फिलिंग व लॉकिंग की प्रक्रिया चलेगी।

डेंटल सीटों की स्थिति-डीएमई की तरफ से गुरूवार को जारी सीट डिस्ट्रीब्यूशन चार्ट के अनुसार मप्र में डेंटल के 15 कॉलेज हैं। एकमात्र सरकारी मेडिकल कॉलेज में 63 सीटें हैं, इनमें से ओपन कैटेगरी की 47 ही हैं। वहीं 14 प्राइवेट में 1320 सीटें हैं और इसमें 1197 ओपन वर्ग की हैं। 60 सीटें एनआरआई कोटे में और 63 सीटें दिव्यांग के लिए रिजर्व हैं।

रिन्यूअल हुआ तो अगले राउंड में आ सकते हैं

दो कॉलेजों के रिन्यूअल नहीं होने के कारण फर्स्ट राउंड में उनका नाम शामिल नहीं किया है। यदि उनकी प्रक्रिया पूरी हो जाती है और मेडिकल काउंसिल की तरफ से निर्देश मिलेंगे, तो अगले राउंड में उनका नाम भी आ सकता है। अब नए रजिस्ट्रेशन नहीं होंगे।
डॉ. जितेन शुक्ला, डीएमई

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