मालवा में बैंड-बाजे बजाकर लहसुन की बुवाई, VIDEO: लहसुन उत्पादक किसान बोले- ये मजाक नहीं, हमारी तकलीफ

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रतलाम15 घंटे पहले
लहसुन की कीमतों ने मालवा-निमाड़ सहित मध्यप्रदेश के किसानों को रुला दिया है। दो महीने पहले सबसे बड़े उत्पादक रतलाम, मंदसौर, नीमच, इंदौर की मंडियों में थोक में लहसुन 45 पैसे से 1 रुपए प्रति किलो तक खरीदा गया। किसानों ने प्रदर्शन किए। लहसुन के ढेर पर नाचे, लहसुन की अर्थी निकाली … अब किसान विरोध जताने के लिए बैंड-बाजों के साथ लहसुन की बुवाई कर रहे हैं। इसके VIDEO भी सामने आए हैं।
VIDEO सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं। इसमें कुछ किसान बैंड बाजे के साथ लहसुन की कट्टी सिर पर रख कर ट्रैक्टर सीडड्रिल के साथ बुवाई करने जाते हुए नजर आ रहे हैं। एक दूसरे VIDEO में ट्रैक्टर की सीडड्रिल के आगे बैंड बाजे वाले चलते हुए नजर आ रहे हैं। VIDEO मालवा के किसानों ने बनाकर पोस्ट किए हैं।
दैनिक भास्कर ने रतलाम के लहसुन उत्पादक किसानों से बात की। रतलाम के किसान नेता राजेश पुरोहित बताते हैं कि पिछले दिनों लहसुन का उचित दाम नहीं मिलने से किसानों की कमर टूट गई। यह किसान की मेहनत और उसका जज्बा ही है कि वह एक बार फिर इस उम्मीद के साथ उठ खड़ा हुआ है कि उसकी मेहनत और फसल का उचित दाम इस बार उसे जरूर मिलेगा। लहसुन उत्पादक किसान समरथ पाटीदार का कहना है कि यह केवल मजाक नहीं है, बल्कि किसानों के अंदर की तकलीफ है। इसे किसान सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक पहुंचा रहे हैं।

मालवा-निमाड़ में कई जगह किसानों ने कम रेट मिलने पर लहसुन की अर्थियां निकालकर विरोध जताया था। फोटो दालौद का है।
जानिए, लहसुन के कम रेट क्यों मिले…
2 महीने पहले भास्कर ने देवी अहिल्या होल्कर फल और सब्जी मंडी (चोइथराम) के प्रभारी आरसी परमार से बात की थी। उन्होंने बताया था कि लहसुन का बंपर उत्पादन हुआ है। मौसम के कारण कई इलाकों में लहसुन की फसल बिगड़ गई। इस कारण से खराब लहसुन के रेट्स नहीं मिल रहे हैं।
अब मंडियों के हालात भी जान लीजिए, 45 पैसे/किलो तक खरीदा गया लहसुन…
मालवा की पिपलिया की मंडी में 8 अगस्त को अधिकतम भाव 6201 रुपए क्विंटल रहा तो न्यूनतम भाव 51 रुपए क्विंटल रहा। आप इस अंतर से समझ सकते हैं कि खराब और अच्छे लहसुन की कीमतों में कितना बड़ा अंतर आ गया है। यही किसान के गुस्से का कारण है।
पिछले दिन के मध्यप्रदेश की मंडियों की पड़ताल करने पर पता चला कि दलोदा ऐसी मंडी है, जहां एक किसान से 45 रुपए क्विंटल में लहसुन खरीद लिया गया। यानी 45 पैसे प्रति किलो। ऐसा करने वाली यह इकलौती मंडी नहीं है। दलोदा के अलावा मनासा, मंदसौर, सैलाना, जावरा, सीहोर, सीतामऊ, शुजालपुर, मंदसौर, श्यामगढ़, रतलाम, महिदपुर, नीमच, नरसिंहगढ़, जावद, कालीपीपल, उज्जैन और इंदौर में भी 100 से लेकर 125 रुपए के आसपास लहसुन खरीदे गए हैं। यही किसानों के गुस्से की वजह बने। पूरी खबर पढ़िए
लहसुन को लेकर अजीबोगरीब विरोध….
नदी में फेंका 20 क्विंटल लहसुन…

धार के बदनावर में तीन किसानों ने नागदा गांव के पास चामला नदी में 100 कट्टे लहसुन फेंक दिया था। धार के किसान कमल सिंह, कृष्णा सांखला और गणेश पंवार ने बताया, वे इंदौर मंडी में लहसुन बेचने गए थे। वहां 40 कट्टे (20 क्विंटल) के सिर्फ 2000 रुपए ही मिले। यानी 1 रुपए किलो। 1800 रुपए तो भाड़ा और हम्माली में ही खर्च हो गए। इसके अलावा लहसुन की साफ-सफाई का अलग खर्च। बता दें, 1 कट्टा 50 किलो, तो 1 बोरी 100 किलो (1 क्विंटल) की होती है। पूरी खबर पढ़िए
रतलाम में किसान ने लहसुन पर किया था डांस

जावरा कृषि मंडी (रतलाम) में 7 महीने पहले किसान ने डांस कर प्रदर्शन किया था। उसका लहसुन 300 रुपए प्रति क्विंटल बिका। किसान ने कृषि मंडी से गुजर रहे ढोल वाले को बुलाया। ढोल बजवाकर लहसुन के ऊपर खड़े होकर खूब नाचा। पूरी खबर पढ़िए
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