PM के संसदीय क्षेत्र में इंदौर के स्टार्टअप की धूम: वाराणसी एयरपोर्ट पर चाइल्ड कॉर्नर में ऑफ लाइन कोडिंग प्लेटफॉर्म नौनिहालों को करेगा हाईटेक

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इंदौर25 मिनट पहले

बच्चों को बिना इंटरनेट के हाईटेक शिक्षा देने के लिए इंदौर के स्टार्टअप्स ने एक ऑ‌फ लाइन कोडिंग प्लेटफॉर्म (रोबोटिक प्रोग्रामिंग डिवाइस) तैयार किया है। इस डिवाइस को लेकर हाल ही में इंदौर में केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कंपनी के डायरेक्टर्स को अवार्ड प्रदान किया है। खास बात यह कि 14 नवम्बर को ‘बाल दिवस’ के अवसर पर वाराणसी एयरपोर्ट पर चाइल्ड लाइन कॉर्नर का शुभारंभ है। यहां इस ऑफ लाइन कोडिंग प्लेटफॉर्म को इंदौर के इन स्टार्टअप्स ने स्थापित किया है जिससे यहां बच्चे खाली समय में हाईटेक होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में इंदौर के स्टार्टअप्स का डिवाइस स्थापित होने से न केवल इंदौर व मप्र बल्कि देशभर में कद बढ़ा है।

इंदौर में 'प्राइड ऑफ एमपी' अवार्ड से सम्मानित कंपनी के कर्ताधर्ता।

इंदौर में ‘प्राइड ऑफ एमपी’ अवार्ड से सम्मानित कंपनी के कर्ताधर्ता।

पिसार्व टेक्नोलॉजीज कंपनी की सीईओ रोशनी शुक्ला मिश्रा के मुताबिक ऑफ लाइन कोडिंग प्लेटफॉर्म थ्रीजी एनिमेशन बेस्ड डिवाइस है जो बच्चों को रियल लाइफ का अनुभव कराती है। दरअसल छोटे बच्चों को खाली समय में एंगेज करना बहुत कठिन होता है। अगर बच्चों को मनोरंजन के लिए शेर दिखाना हो तो यह क्लास में संभव नहीं है। ऐसे में उनके लिए थ्रीडी अगमेंटेशन का यह डिवाइस SARAL (सिंपल ऑगमेंटेड रियलिटी एप्लाइड लर्निंग) बनाया है। इसके माध्यम से उन्हें क्लास में रियल लाइफ का अनुभव होता है। इसमें 250 मार्कर्स हैं जिस पर बच्चे काम करते हैं। इसमें आई टेस्ट और टच पेड के फीचर्स उपलब्ध हैं। पूरे देश में 500 स्कूलों में यह डिवाइस स्थापित है। इसके अलावा नेपाल और तंजानिया में भी ऑपरेशन्स हैं। इसके अलावा दुबई, UK में भी अब इसकी और डिमांड आई है।

SARAL (सिंपल ऑगमेंटेड रियलिटी एप्लाइड लर्निंग) डिवाइस।

SARAL (सिंपल ऑगमेंटेड रियलिटी एप्लाइड लर्निंग) डिवाइस।

ऐसे समझिए ऑफ लाइन कोडिंग प्लेटफॉर्म

ऐसे ही कंपनी का दूसरा प्रॉडक्ट CODEAN (भारत का एकमात्र ऑफ लाइन कोडिंग प्लेटफॉर्म) है। यह ऑफ लाइन लर्निंग प्रोग्राम है जिसमें इंटरनेट की आवश्यकता नहीं है। इसमें हार्डवेयर रोबोटिक्स सिस्टम भी है और इसमें C++, पायथन, AI, ML सहित बहुत सारी लैंग्वेजेस के जो विद्यार्थी हैं इसे सीख सकते हैं। CODEAN के लिए किसी इंटरनेट की जरूरत नहीं पड़ती। यह क्लास रूम में और कम्प्यूटर लैब में सारे कम्प्यूटरों से अपने आप ही ऑफ लाइन मोड में कनेक्ट हो जाता है। इसका उपयोग करके बच्चे अलग-अलग कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग सीख सकते हैं। एक ही डिवाइस से कक्षा के सारे बच्चों को पढ़ाया जा सकता है। इसमें कक्षा पहली से लेकर 12वीं का पूरा कोर्स है। इसमें रोबोटिक्स हार्डवेयर प्रोग्राम है। इसके अलावा छोटे बच्चों के लिए ब्लॉक बेस प्रोग्रामिंग जिसे विजुअल प्रोग्रामिंग भी कहते हैं। इसके अलावा रियल वर्ल्ड आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रोग्राम भी हैं।

कोडियन का इन क्षेत्रों में होता है इस्तेमाल

CODEAN के हार्डवेयर प्रोग्रामिंग को इस्तेमाल करके फायर अलार्म सेंसर, डोर ओपन सेंसर, टेम्प्रेचर सेंसर, सनलाइट सेंसर, रेडियो सेंसर सहित कई तरह के डिवाइस बनाए जा सकते हैं।

– इसके अलावा इसे इस्तेमाल करके हृदय की धड़कन मापी जा सकती है।

– व्यक्ति कितने कदम चला है, वह माप सकते हैं।

– कभी अचानक से सनलाइट ज्यादा आ जाए तो उसे भी माप सकते हैं।

– इसमें एक माइक्रोफोन होता है जिसमें धवनि की तीव्रता माप सकते हैं जैसे तालियों की प्रतिक्रिया।

– इसका इस्तेमाल कर कमरे के तापमान को भी मापा सकता है। यदि तापमान कम या ज्यादा हो तो भी अलार्म बजाया जा सकता है।

– इसकी सेटिंग का इस्तेमाल क कोडियन की जो कुल 350 एक्टिविटी इनबिल्ट आती हैं उनका उपयोग कर बच्चे जितनी चाहे उतनी एक्टिविटी बढ़ा सकते हैं।

बिना ब्लड लिए डिवाइस बता देगा हीमोग्लोबिन की स्थिति

इसके अलावा कंपनी के पाइप लाइन में जो प्रॉडक्ट्स हैं उसमें Follow Me, इनवेसिव हीमोग्लोबिन ट्रेकर हैं। इस ट्रैकर से महिलाएं खासकर गर्भवती जो हीमाोग्लोबिन के चलते उन्हें बहुत सारी समस्याएं खड़ी हो जाती हैं, इसे लेकर इस पर रिसर्च चल रहा है। यह डिवाइस ब्लड की जांच के बिना उनका हीमोग्लोबिन पता कर उन्हें बता सकते हैं। ऐसे ही Follow Me जो सीनियर सिटीजन्स के लिए कार्ड के रूप में होगा। वह उनके सामान आदि ट्रैक करेगा। अगर वे कहीं सफर पर जाती है तो वे अफना सामान भूल नहीं सकेंगे। Follow Me के माध्मम से उन्हें काफी सुविधा हो जाएगी।

नए-नए आयाम देने में जुटे हैं कंपनी के कर्ताधर्ता

कंपनी की सीपीओ रोशनी शुक्ला (मिश्रा), सीटीओ अभिषेक मिश्रा व फॉउंडर एण्ड सीईओ अमित पांचाल।

कंपनी की सीपीओ रोशनी शुक्ला (मिश्रा), सीटीओ अभिषेक मिश्रा व फॉउंडर एण्ड सीईओ अमित पांचाल।

कंपनी की सीईओ रोशनी शुक्ला (मिश्रा) की स्कूली शिक्षा गुजराती समाज स्कूल इंदौर से हुई। उन्होंने अपनी कंपनी पिसार्व टेक्नोलॉजीज (Pisarv Technologies की स्थापना 2018 में की। उसके पहले वह लार्ड कृष्णा चिल्ड्रन एकेडमी हायर सेकेंडरी स्कूल में अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थी। तब से लेकर अब तक वह शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय है। अब उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिए जाना जाता है। उनकी कंपनी ने कोरोना काल में इंदौर एयरपोर्ट पर PDS (Physical Distancing System) लगाया था। इसके द्वारा तब काफी लोगों सोशल डिस्टेंसिंग बनाने में मदद मिली। कोरोना काल में ही कंपनी एक वेबसाइट भी बनाई थी जो अस्पतालों में बेड की उपलब्धता बताती थी। कंपनी ने AR और AI जैसी हाई टेक्निक्स का उपयोग करके लोगों की ज़िंदगी आसान बनाने के लिए किया। इस विचार ने SARAL (सिंपल ऑगमेंटेड रियलिटी एप्लाइड लर्निंग), CODEAN (भारत का एकमात्र ऑफलाइन कोडिंग प्लेटफॉर्म) और PDS (फिजिकल डिस्टेंसिंग सिस्टम) नामक विश्व स्तरीय पेटेंट को स्थापित किया। कंपनी के डिवाइसेस इंदौर एयरपोर्ट सहित देश के कई स्कूलों में हैं। इसके अलावा नेपाल व तंजानिया में 400 से अधिक स्कूलों में हैं। SARAL और CODEAN के माध्यम से 40 लाख से अधिक छात्र शिक्षा रहे हैं।

अमेरिका से लौटकर अब इंडिया में किया फोकस

अभिषेक मिश्रा कंपनी के सीटीओ है। उन्होंने B.Tech (MNIT) जयपुर और MS BITS (Pilani) किया है। उनके रिसर्च क्षेत्र IOT, Machine Learning, Robotics, Computer Vision, और Bio Medics हैं। अमित पांचाल कंपनी के फॉउंडर एण्ड सीईओ है। उन्होंने अमेरिका से मास्टर्स की पढ़ाई की। फिर वहां कुछ साल नौकरी करने के बाद वापस भारत आ गए और अपना स्टार्टअप शुरू किया। आज यह स्टार्टअप भारत के स्कूल में पढ़ रहे लाखों बच्चो को एडवांस्ड टेक्नोलॉजी जैसे ऑगमेंटेड रियलिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से क्लास रूम में पड़ने की नई और इनोवेटिव टेक्निक्स प्रदान कर रहा है।

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