महिला जनप्रतिनिधियों के रिश्तेदारों पर अंकुश: नगर परिषदों की बैठकों में शामिल नहीं हो सकेंगे महिला जनप्रतिनिधियों के रिश्तेदार, कलेक्टर ने आदेश जारी कर दिए निर्देश

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रतलाम9 मिनट पहले
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रतलाम कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी ने जिले के सभी नगरीय निकायों में नवनिर्वाचित महिला अध्यक्ष,उपाध्यक्ष,पार्षद के पतियों या अन्य निकटतम रिश्तेदारों के निकायों की बैठकों में प्रवेश पर रोक लगा दी है। दरअसल बीते दिनों रतलाम नगर निगम,नामली नगर परिषद और आलोट नगर परिषद में पार्षद पतियों और उपाध्यक्ष पतियों द्वारा निकाय की बैठक में शामिल होने और निकाय के कार्य में हस्तक्षेप करने के मामले सामने आए थे । जिसके बाद कलेक्टर कार्यालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार जिले के नगरीय निकायों में नवनिर्वाचित महिला अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं पार्षदों के पति अथवा उनके निकटतम रिश्तेदार परिषद् व अन्य समितियों की बैठकों में शामिल नहीं हो सकेंगे।
कलेक्टर द्वारा जारी किए गए इस आदेश के बाद महिला जनप्रतिनिधियों के पति अथवा निकटतम रिश्तेदारों द्वारा निकायों के कार्यों में किए जाने वाले हस्तक्षेप में कमी आएगी । वहीं, महिला पार्षदों अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को भी अपना प्रतिनिधित्व करने में मदद मिल सकेगी। गौरतलब है कि नगरीय निकायों की तरह ही जिला पंचायत जनपद पंचायत और ग्राम पंचायतों में भी महिला जनप्रतिनिधियों के पतियों और निकटतम रिश्तेदारों द्वारा हस्तक्षेप किया जाता है। जिन पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार ने पूर्व में ही दिशा निर्देश जारी किए है।
रतलाम कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि प्रावधान अनुसार अध्यक्ष, पार्षद पद के लिए महिला वर्ग के 50 प्रतिशत पद आरक्षित, निर्वाचित हैं। निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधियों के सशक्तिकरण एवं नगरीय विकास मे महती व सक्रिय भूमिका सुनिश्चित करने के उद्देश्य के दृष्टिगत निर्वाचित महिला अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं पार्षदों के पति अथवा उनके किसी संबंधी या रिश्तेदारों का परिषद् अथवा समितियों की बैठकों या अन्य कार्यों में शामिल होना या दखल देना उचित नहीं है। निर्वाचित महिला अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं पार्षदों के पति या उनके किसी संबंधी या रिश्तेदारों का परिषद् अथवा समितियों की बैठकों या अन्य कार्यों में शामिल होने पर कढाई से रोक लगाई जाना सुनिश्चित किया गया है। अन्यथा नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
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