महाशिवरात्रि और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आज अदभुत संयोग- मंजुलता राठौर

जांजगीर, 07 मार्च । महाशिवरात्रि के पावन पर्व के दिन महिला दिवस भी है जो शिव पार्वती के महामिलन तथा महिला दिवस का संयोग ही कहा जावेगा, जिस प्रकार शक्ति के बिना शिव शव है उसी प्रकार नारी के बिना यह श्रृष्टि अधूरा है नारी के बिना इस संसार की रचना हो ही नहीं सकती इसीलिए नारी को प्रकृति कहा जाता है, वह प्रकृति जो सुन्दरता लिए हुए सृजन करती है संयोग अदभुत ही होता है मंथन से निकला हलाहल जिसे शिव ही पान कर सकते हैं और उसी हलाहल से शिव ताण्डव जिसे माता पार्वती ही बस में कर सकती है ऐसे संयोग का दिन है ।
महाशिवरात्रि और अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस जिला उपभोक्ता आयोग की पूर्व सदस्य मंजुलता राठौर ने आगे कहा कि 8 मार्च 1975 से प्रत्येक वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है यह राजनीतिक सांस्कृतिक और सामाजिक क्षेत्र में अपने अधिकारों की लड़ाई में महिलाओं की उपलब्धियां का जश्न है उन्होंने आगे कहा कि ईश्वर हर जगह नहीं हो सकते इसलिए उन्होंने मां को बनाया है सामाजिक दायित्वों की निर्वाहीका के रूप में नारी की भूमिका निर विवाद है उनका मनोविज्ञान ही कुछ ऐसा होता है की जीवन के हर मोड़ पर पति बेटे या भाई को भावनात्मक संबल देने की शक्ति रखती है अंत में मैं बस इतना ही कहना चाहूंगी कि अपमान मत करना नारी का इनके बल पर ही जग चलता है पुरुष जन्म लेकर तो इन्हीं की गोद में पलता है आज के इस शुभ संयोग को माता पार्वती और शिव की पूजा अर्चना कर इस पर्व का आनंद उठाना चाहिए।