महादेवखेड़ी-मालखेड़ी रेल लाइन डबल हुई: भोपाल, जबुलपर और झांसी मंडल जुड़े; ट्रेन 121 किमी की रफ्तार से चलेंगी

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भोपाल34 मिनट पहले

रेल विकास निगम लिमिटेड द्वारा बीना-कोटा दोहरीकरण परियोजना के तहत इस खंड में सम्मिलित महादेवखेड़ी-मालखेड़ी के बीच दोहरीकरण का कार्य पूरा हो चुका है। इससे भोपाल, जबलपुर और झांसी मंडल आपस में जुड़ गए हैं। इसे बीना और कोटा व अन्य सभी पावर हाउस को कोयले की आपूर्ति समय पर की जा सकेगी।

मुख्यालय जबलपुर के वरिष्ठ अधिकारीगण, जबलपुर मंडल के मंडल रेल प्रबंधक, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) सहित भोपाल मण्डल एवं रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के अधिकारियों द्वारा इस रेल खंड निरीक्षण कर चुके हैं। यह शीघ्र ही ट्रैफिक के लिए खोल दिया जाएगा।

इस लाइन पर प्री नॉन/नॉन इंटरलॉकिंग का कार्य 31 अक्टूबर, 2022 से यानी शुरू किया जाना है। उसके उसके सीआरएस निरीक्षण 19 को प्रस्तावित है। इससे पहले इस लाइन पर 14 अक्टूबर को गति परीक्षण किया गया था। जिसमें 121 किमी/ घंटा की गति से इंजन चलाया गया था। लाइन का कार्य तीनों मंडल ( जबलपुर, भोपाल तथा झांसी मंडल) से समन्वय स्थापित करने के बाद 2 साल के बहुत कम समय में पूरा कर लिया गया है।

यह लाइन ऊपर से जबलपुर मंडल एवं भोपाल मंडल को जोड़ती है एवं पुल के नीचे से झांसी मंडल और भोपाल मंडल को जोड़ती है। महादेवखेड़ी-मालखेड़ी एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण लिंक है, जिसके तहत जबलपुर व कटनी की तरफ सारे कोयले की रेक की आपूर्ति बीना, कोटा व अन्य सभी पॉवर हाउसों में की जाती है। इस खंड के सिंगल लाइन होने की वजह से इन सभी बिजली सब स्टेशंस पर कोयले की अप्पूर्ति में बाधाएं आती हैं। अब इस खंड के दोहरीकरण का कार्य शीघ्र संपूर्ण हो जाने पर इन सब समस्याओं से निजात मिल सकेगी एवं रेल परिचालन में भी अत्यधिक सुगमता आएगी।

दो दिन पहले अधिकारियों ने लाइन का निरीक्षण किया था।

दो दिन पहले अधिकारियों ने लाइन का निरीक्षण किया था।

रेलवे बोर्ड द्वारा बीना-कोटा दोहरीकरण परियोजना 2011-12 में रेल विकास निगम लिमिटेड को हस्तांतरित किया गया था। जिसके अंतर्गत बीना-गुना खंड में पिछले ढाई वर्षों में कार्य की प्रगति में अत्यधिक तेजी आई है। इस खंड में सबसे पहले दिसंबर 2019 में अशोकनगर-पीलीघटा खंड, दिसंबर 2020 में गुना-पीलीघटा खंड, जून 2021 में ओर-अशोकनगर खंड, दिसंबर 2021 में बीना-कंजिया खंड, मार्च 2022 में ओर-पिपरईगांव खंड में दोहरीकरण का कार्य समाप्त करते हुए इन खंडो को परिचालन के लिए खोला जा चुका है।

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