महाकाल लोक नाम से जाना जाएगा कॉरिडोर,11 अक्टूबर को अवकाश: महाकाल भगवान की अध्यक्षता में केबिनेट , साबरमती फ्रंट लेक की तरह शिप्रा नदी किनारे भी बनाया जाएगा फ्रंट लेक व्यू

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8 मिनट पहले

उज्जैन में मंगलवार को प्रशासनिक संकुल भवन में हुई केबिनेट की बैठक भगवान महाकाल की अध्यक्षता में हुई। प्रदेश सरकार ने उज्जैन शहर के विकास के लिए कई योजना शामिल की और उन्हें केबिनेट में मंजूरी भी मिल गई। महाकाल कॉरिडोर का नाम अब मोहर लगी जिसमे नाम बदलकर अब महाकाल लोक कर दिया गया। इसके साथ ही उज्जैन हवाई पट्टी का विकास के साथ साथ शिप्रा नदी को प्रवाह मान बनाने के लिए प्रोजेक्ट बनाया जाएगा।

उज्जैन के संकुल भवन में आयोजित बैठक में सीएम ने कैबिनेट की बैठक के पहले कहा- महाकाल महाराज से सबके कल्याण की कामना करता हूं। महाकाल महाराज यहां के राजा हैं, हम लोग सेवक हैं। सेवक के नाते हम लोग महाकाल महाराज से प्रार्थना कर रहे हैं। ये ऐतिहासिक पल है 2017 में जब अपनी सरकार थी, तब भूपेन्द्र सिंह यहां के प्रभारी मंत्री थे। उस समय ये परिकल्पना आई थी कि महाकाल परिसर का विस्तार किया जाए। विचार विमर्श के बाद इसके प्रारंभिक चरण में स्थानीय नागरिकों और स्टेक होल्डर्स से चर्चा कर ये योजना बनाई थी। एक साल में डीपीआर का काम पूरा किया। अपनी कैबिनेट में ही पूरी चर्चा करके प्रथम चरण के लिए टेंडर 2018 में चुनाव के पहले बुलाए थे। बाद में सरकार बदलने के बाद काम सुप्तावस्था में चला गया, लेकिन 2020 में सरकार बनने के बाद उज्जैन का दौरा किया और पूरी समीक्षा की।

भगवान महाकाल की अध्यक्षता में केबिनेट

भगवान महाकाल की अध्यक्षता में केबिनेट

केबिनेट के फैसले

-महाकाल महाराज की प्रेरणा से कॉरिडोर अब महाकाल लोक के नाम से जाना जाएगा

-उज्जैन हवाई पट्टी का विस्तार 80 करोड़ से होगा 30 हेक्टर से बढ़कर 41 हेक्टर किया जाएगा । बाद में एयरपोर्ट बनेगा

-पुलिस के बेंड में नई भर्ती होगी 36 नए पद स्वीकृत हुए

-शिप्रा नदी अविरल बहती रहे उसको प्रवाह मान बनाने के लिए सैद्धांतिक सहमति बनी है

-शिप्रा नदी का किनारा साबरमती लेक फ्रंट की तरह विकसीत होगा

-पर्यटन के क्षेत्र में एक साथ आठ पुरूस्कार मध्य प्रदेश को मिले

-जल जीवन मिशन में 22 जिलों के लिए नल जल योजना को मंजूरी मिली

भगवान महाकाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक

उज्जैन के संकुल भवन में आयोजित हुई बैठक में अध्यक्ष पद की कुर्सी पर भगवान महाकाल के फोटो को अध्यक्ष के रूप में विराजित किया गया था। बैठक करीब 40 मिनिट चली जिसमें उज्जैन के विकास को लेकर कई बढ़े निर्णय लिए गए। सीएम ने कहा 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री इसका उद्घाटन करने आ रहे हैं ये आयोजन केवल सरकार का नहीं बल्कि जनता का बने। महाकाल महाराज राजा और हम सब सेवक के रूप में बैठेंगे।

11 अक्टूबर को स्थानीय अवकाश

केबिनेट मीटिंग के बाद सीएम ने 150 प्रभुद्धजनो से कालिदास अकादमी में मुलाक़ात और उनसे सुझाव लिए। इस दौरान मंच पर संत शांति स्वरूपानंद जी महाराज ,अतुलेशनंद जी , दिग्विजय दास ,उमेशनाथ जी महाराज सहित अन्य संत मौजूद रहे। इस दौरान सीएम ने कहा की महाकाल लोक का लोकार्पण 11 अक्टूबर को पीएम मोदी करेंगे इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल लोक को देखने आएंगे। कालिदास अकादमी में प्रबुद्धजनो की बैठक में सुझाव आया की इतना बड़ा कार्यक्रम हो रहा है इसके लिए आम लोगो की भागीदारी करने के लिए शहर में एक दीन का अवकाश घोषित किया जाए। सुझाव का स्वागत कर अवकाश घोषीत कर दिया गया ।

856 करोड़ का प्रोजेक्ट

प्रारंभ में परियोजना की लागत 97 करोड़ थी। उसको बढ़ाकर 856 करोड़ किया। इसके दो चरण थे पहला चरण 351 करोड़ 55 लाख और दूसरा चरण के लिए 310 करोड़ 22 लाख की स्वीकृति दी। इसमें भू अर्जन भी शामिल है। कुछ लोगों को यहां से विस्थापित करना पड़ा भू अर्जन में करीब 150 करोड़ रुपए खर्च हुए। पहले चरण में महाकाल रूद्रसागर एकीकृत विकास का काम, सौर ऊर्जा, पार्किंग, भूमि विकास, सहित तमाम काम कराए गए। रुद्र सागर सीवेज के पानी से पट जाता था अब उसमें शिप्रा जी का पानी डालकर सागर की तरह रखा जाएगा। दूसरे चरण में यहां महाराज वाड़ा परिसर का उन्नयन, छोटा रुद्र सागर, राम घाट लेक फ्रंट का डेवलपमेंट, नया वेटिंग हॉल, रुद्रसागर पश्चिमी मार्ग का विकास जैसे कामों के साथ हटाए जा रहे स्कूलों का निर्माण किया जाएगा। इस पूरी परियोजना में 856 करोड 9 लाख की है। ये सब महाकाल महाराज करवा रहे हैं हम सब निमित्त मात्र हैं।

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