मनचलों की मुसीबत: भोपाल में पहली बार मोहल्लाबदर का आदेश; छेड़छाड़ के आरोपी को दो महीने महिला के घर के आसपास नहीं भटकने का हुक्म

[ad_1]
- Hindi News
- Local
- Mp
- Bhopal
- Order Of Mohallabadar For The First Time In Bhopal; Molestation Accused Ordered Not To Wander Around Woman’s House For Two Months
भोपाल31 मिनट पहले
- कॉपी लिंक

पहली बार भोपाल के एक युवक के खिलाफ मोहल्ला बदर का आदेश हुआ है।
जिलाबदर- इसके बारे में तो आपने सुना ही होगा। अपराध या अपराधी पर नियंत्रण के लिए की जाने वाली ऐसी प्रक्रिया, जिसमें एक तय समय के लिए उस व्यक्ति को जिले से बाहर रहना होता है, जिसके खिलाफ पुलिस-प्रशासन ने आदेश जारी किए हों। अब बात मोहल्ला बदर की। प्रदेश में संभवत: पहली बार भोपाल के एक युवक के खिलाफ मोहल्ला बदर का आदेश हुआ है। ये आदेश डीसीपी जोन-1 साईं कृष्णा ने स्टेशन बजरिया थाना क्षेत्र के एक मामले में किया है।
आदेश होने के दो महीने की अवधि तक संबंधित आरोपी को उस मोहल्ले में दाखिल नहीं होना है। हालांकि, बाद में इसमें संशोधन करते हुए डीसीपी ने आरोपी को महिला के घर के आसपास न जाने का आदेश दिया है। यह मामला स्टेशन बजरिया थाना क्षेत्र के द्वारका नगर का है, जिसमें एक महिला ने मोहल्ले के पप्पू के खिलाफ छेड़छाड़ का केस दर्ज करवाया था। आरोप था कि युवक रोजाना शाम के वक्त महिला के सामने अश्लील हरकतें करता है।
गाली-गलौज करते हुए पुराने अपराध में समझौते का दबाव भी बनाता है। डीसीपी ने इन आरोपों की थाना प्रभारी अनिल मौर्य के जरिए जांच करवाई। इसके बाद आरोपी की हरकतों पर अंकुश लगाने के लिए सीआरपीसी की धारा 144 (1)(3) के तहत आदेश जारी कर दिए।
फिर संशोधन आदेश भी किया जारी
डीसीपी ने बताया कि आरोपी ने इस आदेश में संशोधन के लिए अपील की थी। उसने भरोसा दिलाया था कि वह आइंदा महिला के साथ कोई आपराधिक हरकत नहीं करेगा। इस आधार पर उसके मोहल्ला बदर के आदेश में मामूली संशोधन कर दिया गया। अब उसे दो महीने तक थाना हाजिरी की प्रक्रिया पूरी करने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही उसे महिला के घर के पास न जाने के लिए भी आदेशित किया गया है।
बॉन्ड ओवर उल्लंघन तो हो सकती है जेल
धारा 144 के आदेश का उल्लंघन करने पर पुलिस आईपीसी की धारा 188 के तहत केस दर्ज करती है। पहले दर्ज हुए अपराध के बाद उसे पुलिस बॉन्ड ओवर कर चुकी है। यानी 188 का केस दर्ज हुआ तो इसे
बॉन्ड ओवर उल्लंघन माना जाएगा। इसके तहत आरोपी को जेल भी भेजा जा सकता है और बॉन्ड की राशि भी जब्त की जा सकती है।
आरोपी की थाने आने-जाने की पूरी प्रक्रिया सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड होगी
“आपराधिक गतिविधियों से दूर रहते हुए आरोपी सामाजिक प्राणी की तरह जीवन व्यतीत करे और अगले दो महीने तक द्वारका नगर में प्रवेश नहीं करेगा। पीड़ित महिला को किसी भी प्रकार से परेशान नहीं करेगा। हर हफ्ते थाने में आकर हाजिरी देगा। थाना हाजिरी के समय सम्पूर्ण वैधानिक कार्रवाई पूरी करने में थाना प्रभारी एक घंटे से ज्यादा का समय नहीं लगाएंगे। थाना प्रभारी यह भी सुनिश्चित करेंगे कि आरोपी के थाने आने-जाने की पूरी प्रक्रिया सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड हो।”
– डीसीपी की ओर से जारी आदेश
Source link