हिंदी में दवाएं और पर्चे पर ‘श्रीहरि’ पर बोले डॉक्टर: NMC जारी करे गाइडलाइन, CM की अपील के बाद वायरल हुए पर्चे

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भोपाल21 मिनट पहले

देश में मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी में कराने की शुरुआत मप्र से हो रही है। रविवार को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिन्दी में अनुवादित की गई एमबीबीएस फर्स्ट ईयर की तीन किताबों की लॉचिंग की थी इसी कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने डॉक्टरों को एक सलाह दी थी सीएम ने डॉक्टरों से अनुरोध करते हुए कहा था कि दवा के पर्चे पर Rx की जगह श्री हरि लिखें और दवाओं का नाम भी क्रोसिन हिन्दी में लिखें। सीएम के इस बयान के बाद डॉक्टरों से लेकर सियासी गलियारों में बहस छिड़ी हुई है। डॉक्टरों के अलग-अलग संगठनों से दैनिक भास्कर ने उनकी राय जानी…

डॉक्टरी पेशे में सभी धर्माें के लोग, इसलिए श्रीहरि की बात ठीक नहीं

डॉक्टर दवाओं के पर्चे में जो Rx लिखा जाता है उसका हिन्दी में अनुवाद कर हिन्दी में श्रीहरि लिखने की बात कही गई है। ये अनुवाद गलत है Rx का मतलब है नीचे लिखी दवाई लीजिए। अब श्रीहरि लिखने से क्या मतलब निकलेगा ये मैं नहीं समझ पा रहा हूं। भगवान का नाम पूरे सम्मान से लिया जाता है ऐसे में डॉक्टर द्वारा लिखा पर्चा कई बार पैरों के नीचे आएगा तो भगवान का अपमान माना जाएगा। मेडिकल फील्ड में सभी जाति, धर्म के लोग पढ़ते और प्रेक्टिस करते हैं तो हो सकता है कि श्रीहरि लिखने में दूसरे धर्म के लोगों को आपत्ति हो। इसके साथ ही श्रीहरि से Rx शब्द के उद्देश्य की पूर्ति नहीं होती है। इसलिए मेरा अनुरोध है कि एनएमसी से चर्चा करनी चाहिए ताकि भ्रम की स्थिति न बने। डॉ. अरविंद जैन, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन

हमारे देश में भाषाई बाध्यता नहीं
पर्चे को लेकर एनएमसी के निर्देश हैं कि पर्चा स्पष्ट होना चाहिए। पर्चे का एक फॉर्मेट तय है इसमें न्यूनतम जानकारी लिखी जानी चाहिए। भाषा को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं हैं कि किसी विशेष भाषा में पर्चा लिखा जाए। मुख्यमंत्री जी ने श्रीहरि लिखने की बात कही है इसमें ये जरूरी नहीं कि हर पर्चे पर श्रीहरि लिखना है। ये डॉक्टरों की इच्छा पर निर्भर करता है क्योंकि भाषा की बाध्यता नहीं हैं। ​​डॉ.सुमित रावत ​​​​​​,प्रवक्ता ​प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन मप्र

एनएमसी से स्थिति साफ करानी चाहिए

डॉक्टरी विधा का हर नियम नेशनल मेडिकल कमीशन तय करता है। पर्चे की जहां तक बात है पूरे देश में प्रिस्क्रिप्शन यानि दवा के पर्चे का एक तय फॉर्मेट है। ये अकेले दवा का पर्चा नहीं है यदि कोई मामला कोर्ट तक जाता है तो न्यायालय में इस बात का जवाब देना मुश्किल हो जाएगा कि आखिर दवा के पर्चे पर श्रीहरि या हिन्दी में दवाएं किस आदेश और नियम के तहत लिखी गईं हैं। राज्य सरकार यदि पर्चे पर दवाएं हिन्दी में लिखने और पर्चे पर श्रीहरि लिखने की व्यवस्था शुरू करना चाहती है तो बकायदा एनएमसी को पत्र लिखकर दिशानिर्देश और गाइडलाइन बननी चाहिए। डॉ.सुबोध मिश्रा, पूर्व रजिस्ट्रार ​​​, ​मप्र मेडिकल काउंसिल

पर्चे पर डॉक्टर ने शुरुआत में ओम और श्री लिखकर हिन्दी में दवाएं लिखीं हैं

पर्चे पर डॉक्टर ने शुरुआत में ओम और श्री लिखकर हिन्दी में दवाएं लिखीं हैं

सोशल मीडिया पर वायरल हुए दवाओं के पर्चे

हिन्दी में दवा के पर्चे लिखने और प्रिस्क्रिप्शन पर श्रीहरि लिखने की सलाह के बाद सोशल मीडिया पर डॉक्टरों के तमाम पर्चे वायरल हो रहे हैं। सादे कागज पर एक सर्जन का हिन्दी में लिखा पर्चा सुर्खियां बटोर रहा है। इस पर्चे में गुप्त रोग से पीडित एक मरीज के नाम के आगे श्रीमंत लिखा है डॉक्टर ने पर्चे को व्यवस्था पत्र लिखा है। पर्चे के अंत में लिखा है- हिन्दी हमारी मातृभाषा है इसका अधिकाधिक उपयोग करें।

डॉक्टरों के लिखे पर्चे सोशल मीडिया में वायरल हुए हैं

डॉक्टरों के लिखे पर्चे सोशल मीडिया में वायरल हुए हैं

AIMIM की मांग- श्री हरि के साथ बाकी धर्मों के नाम भी लिखे जाएं
आल इंडिया मजलिस-ए-एत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM)पार्टी के नेता तौकीर निजामी ने कहा हम सभी धर्मों की भाषाओं का स्वागत करते हैं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मामा शिवराज सिंह चौहान का हिंदी प्रेम को धर्म विशेष के चश्मे से देखना और वोटों की राजनीति बताया और आगे निजामी ने मुख्यमंत्री जी से पूछा है कि आपका बेटा और भाजपा नेताओं के बेटे जो विदेश में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं उनका क्या होगा मजलिस मांग करती है कि फिर सभी धर्मों के शब्दों को क्रोसिन लेने वाले पर्चे पर डाक्टरों को लिखाना पड़ेगा।

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई शुरू हो गई है जिसकी किताबों का विमोचन 16 अक्टूबर को केंद्रीय गृह अमित शाह और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किया गया था, ग्वालियर के गजरा राजा चिकित्सा महाविद्यालय में डीन डॉ. अक्षय निगम के मार्गदर्शन में एमबीबीएस छात्रों की हिंदी में पढ़ाई शुरू हो गई है। मंगलवार को एनाटॉमी के विभागाध्यक्ष डॉ. सुधीर सक्सेना ने अपनी पहली हिंदी में क्लास ली।

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई शुरू हो गई है जिसकी किताबों का विमोचन 16 अक्टूबर को केंद्रीय गृह अमित शाह और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किया गया था, ग्वालियर के गजरा राजा चिकित्सा महाविद्यालय में डीन डॉ. अक्षय निगम के मार्गदर्शन में एमबीबीएस छात्रों की हिंदी में पढ़ाई शुरू हो गई है। मंगलवार को एनाटॉमी के विभागाध्यक्ष डॉ. सुधीर सक्सेना ने अपनी पहली हिंदी में क्लास ली।

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