मदरसे में बच्चों के पढ़ने का मामला फर्जी निकला: शिक्षा विभाग ने 24 घंटे की मशक्कत के बाद लगाया पता, सभी बच्चों के नाम स्कूल में दर्ज हैं

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  • The Education Department Found Out After 24 Hours Of Effort, The Names Of All The Children Are Registered In The School.

विदिशा8 घंटे पहले

विदिशा में सरकारी स्कूल के बच्चे मदरसे में पढ़ने का एक विडियो सामने आया था जिसकी शिकायत राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग को की गई थी। शिकायत के बाद प्रशासन की सांसे फूल गई और जांच दल बनाकर शिक्षा विभाग को रिपोर्ट देने की बात कही गई। 24 घंटे की मशक्कत के बाद विडियो और स्कूलों की जांच पड़ताल के बाद जो तथ्य सामने आए है उसमें मामला झूठा पाया गया।

दरअसल पिछले दिनों सरकारी स्कूल के बच्चो का एक विडियो सामने आया था जो विडियो सफल शिक्षा समिति के संस्थापक ने बनाया था उस विडियो में सरकारी स्कूल के 33 बच्चों को मदरसे में पढ़ने की बात सामने आई थी। और आरोप यह था कि शिक्षिकाऐं स्कूल में पढ़ाती नहीं है जिसके कारण से बच्चे मदरसे में पढने जाते है। विडियो सहित शिकायत विदिशा राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष से की थी। आयोग के संज्ञान में आने के बाद हडकंप मच गया।

विदिशा जिला शिक्षा विभाग ने टीम बनाकर स्कूलों की जांच करने पहुंची तो जांच करने पर मामला झूठा निकला। सभी बच्चे स्कूल में पढ़ रहे है और बाकायदा स्कूल में नाम लिखे हुए है। जब हमने तोपपुरा स्कूल की शिक्षिका रेखा चिढार से बात की तो उनका कहना था कि मैने स्कूल में 8 बच्चो से 50 बच्चे एडमिशन कराये है और स्कूल से बच्चो को भागने की बात गलत है। जिन बच्चो का मदरसे में पढने की बात सामने आ रही है वह बच्चे हमारे स्कूल में पढ़ते है। बच्चे जब अनुपस्थित रहते है तो उनके परिजनों को समझाइश दि जाती है और परिजन धंधे की बात बोलते है उन्हें समझाइश देकर स्कूल में आने की हिदायत दी जाती है ।

बीआरसी लक्ष्मण यादव का कहना है कि जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा पत्र मिला था जिसमें जॉच की गई । 33 बच्चो की शिकायत मिली थी । हमने जांच की तो उसमें पाया कि 22 प्राथमिक शाला तोपपुरा में 11 बच्चे श्रीराम पब्लिक स्कूल में दर्ज है। उसकी सूची तैयार की है सारे बच्चे दोनों विद्यालय में पढ रहे है। मामला झूठा है क्योंकि बच्चे नियमित रूप से स्कूल आ रहे है और नाम दर्ज है तो कैसे सम्भव है कि बच्चे मदरसे में जाएंगें। जॉच प्रतिवेदन शासन स्तर पर भेजा है कार्यवाही उनके द्वारा की जाएगी। वहीं मदरसे के शिक्षक संतोष कुमार का कहना है कि मेरे यहां किसी बच्चे का नाम दर्ज नहीं है लेकिन पढ़ने आते थे मै उन्हें पढ़ाने के लिए बैठा लेता था ।

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