मझौली में दिखा दुर्लभ वन्यजीव: वन विभाग ने पैंगोलिन किया रेस्क्यू, अधिकारी बोले- अफवाह की वजह से होता है शिकार

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सीधीएक मिनट पहले

संजय गांधी टाइगर रिजर्व के जंगल से सटे सीधी जिले के नगर परिषद मझौली में बुधवार की रात लोगों को एक दुर्लभ वन्यजीव दिखा। इसे देखकर लोग हैरान रह गए। आनन-फानन में इसकी जानकारी वन अमले और संजय टाइगर रिजर्व को दी। जानकारी मिलते ही वन विभाग के अधिकारी अपनी रेस्क्यू टीम के साथ पहुंचकर पैंगोलिन प्रजाति के दुर्लभ वन्य जीव को अपने कब्जे में ले लिया।

अधिकारियों ने बताया कि वन परिक्षेत्र मझौली अंतर्गत नगर परिषद मझौली के वार्ड 8 में बुधवार की रात लगभग 9 बजे लोगों ने दुर्लभ जीव देखा। जिसकी सूचना वन परिक्षेत्र अधिकारी मझौली मनीष पांडेय को दी। सूचना पाते ही वन परिक्षेत्राधिकारी अपनी टीम के साथ पहुंचकर दुर्लभ प्रजाति के जीव को रेस्क्यू ऑपरेशन कर पकड़ा। जीव की पहचान दुर्लभ प्रजाति पैंगोलिन में की गई। जिसे संजय टाइगर रिजर्व की टीम के मदद से रात मे गडुहा बीट में सुरक्षित छोड़ा।

पैंगोलिन के 8 प्रजातियों में से एक है वन्यजीव

वन परिक्षेत्राधिकारी मनीष पांडेय ने बताया कि ये दुर्लभ प्रजाति का जीव भारतीय पैंगोलिन है। जिसका वैज्ञानिक नाम मैनिस क्रैसिकाउडाटा है। ये पैंगोलिन प्रजाति जीव भारत, श्रीलंका और भूटान के कई मैदानी और हल्के पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है। जिसकी 8 प्रजातियां होती हैं, उसमें से ये एक है। पैंगोलिन प्रजाति की तरह ये भी अकेला रहना पसंद करता है। नर और मादा जीव का मिलन मात्र प्रजनन काल के समय होता है।

नेत्र रोग होता है ठीक, इस अफवाह से होता है शिकार

रोग निवारण की झूठी और अंधविश्वासी अफवाहों के कारण इसका अत्यधिक शिकार होता है। जिस कारण ये विलुप्त की कगार पर है। वैज्ञानिक दृष्टि से यह जीव संकटग्रस्त माना जाता है। गौरतलब है कि संजय टाइगर रिजर्व में पल रहे वन जीव ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंच जाते हैं। संजय टाइगर रिजर्व मझौली, कुसमी के शहरी और ग्रामीण इलाकों से सटा हुआ है। इस कारण वन्य जीव गांवों एवं नगरों की ओर आ जाते हैं। जिसकी जानकारी मिलने पर संजय टाइगर रिजर्व का वन अमला उनका रेस्क्यू कर उन्हें पुन: जंगल में छोड़ देता है।

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