मंडला नपा अध्यक्ष चुनाव की कवायद शुरू: भाजपा व कांग्रेस बहुमत से दूर; निर्दलियों के सहारे पार होगी नैया

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मंडला37 मिनट पहले

मंडला नगर पालिका चुनाव के नतीजे आने के बाद अब सभी की नजरें नपा अध्यक्ष चुनाव पर लगी हुई हैं। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष के चुनाव के लिए 18 अक्टूबर की तिथि निर्धारित होने के बाद अब सरगर्मी बढ़ती जा रही है। पार्टियां पार्षदों की खेमे बंदी में जुट गए हैं। मंडला नपा के नव निर्वाचित पार्षद अपने घरों से गायब हैं। भाजपा एवं कांग्रेस दोनों ही बहुमत से दूर हैं, इसलिए इस चुनाव में निर्दलियों की मुख्य भूमिका रहने वाली है।

मंडला नगर पालिका चुनाव में 10 में भाजपा, 8 पर कांग्रेस और 6 वार्ड पर निर्दलीय जीते हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष भीष्म द्विवेदी ने 3 से ज्यादा निर्दलियों के समर्थन का दावा किया है। ऐसे में अध्यक्ष पद के लिए भाजपा की राह आसान जरूर नजर आ रही है, परंतु कांग्रेस भी मंडला नगर पालिका को आसानी से हाथ से जाने देने के मूड में नहीं है। अध्यक्ष पद के लिए निर्दलियों का समर्थन जरूरी है, इसलिए सभी उनका समर्थन हासिल करने में जुटे हुए हैं। निर्दलीय पार्षद भी इस दौड़ में शामिल हैं, बताया गया कि उनमें से 1 पार्षद अध्यक्ष या उपाध्यक्ष किसी भी पद को पाने के लिए भाजपा कांग्रेस दोनों से संपर्क कर एड़ी चोटी का जोर लगाते नजर आ रहे हैं।

मंडला नपा में ओबीसी वर्ग से 13 पार्षद

मंडला नगर पालिका का अध्यक्ष पद ओबीसी (ओपन) के लिए आरक्षित हैं। नगर पालिका के 24 में से 8 वार्ड ओबीसी के लिए आरक्षित हैं। इसके अतिरिक्त 5 सामान्य वार्डों से भी ओबीसी प्रत्याशी जीत कर आए हैं। इस प्रकार नपा मंडला में ओबीसी वर्ग से 13 पार्षद चुन कर आए हैं और ये सभी अध्यक्ष पद पाने की योग्यता रखते हैं। ऐसे में अध्यक्ष पद की महत्वाकांक्षा रखने वालों को साधना सभी के लिए बड़ी चुनौती है।

बहुमत के नजदीक भाजपा
जहां तक भाजपा की ओर से अध्यक्ष प्रत्याशी की बात करें तो पिछले कुछ वर्षों से लगातार विनोद कछवाहा का नाम सामने आ रहा है। वे वार्ड नं. 15 से जीत कर आए हैं। इसलिए भाजपा की ओर से उनकी दावेदारी मजबूत नजर आ रही है। उप नगर महाराजपुर में भाजपा ने क्लीन स्वीप करते हुए चारों वार्ड पर विजय हासिल की है, इसलिए कयास लगाया जा रहा है कि अध्यक्ष या उपाध्यक्ष में से एक पद भाजपा महाराजपुर के पार्षद को दे सकती है। महाराजपुर के हनुमान जी वार्ड से पार्षद चुनकर आई प्रीति राय का दावा मजबूत लग रहा है, क्योंकि उनका यह दूसरा कार्यकाल है। उनके पति रीतेश राय भी तीन बार पार्षद रह चुके हैं। सोशल मीडिया में भाजपा की ओर से जीत के आए कुछ अन्य पार्षदों की भी चर्चा है। हालांकि भाजपा की ओर से अध्यक्ष, उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी अंतिम समय में ही घोषित किए जाएंगे और घोषणा के पहले तक अनिश्चिता बरकरार रहेगी।

कांग्रेस भी नहीं पीछे
आठ पार्षद के साथ जीत कर आई कांग्रेस फिलहाल बहुमत से दूर नजर आ रही है, लेकिन निर्दलियों के साथ मिलकर वह अध्यक्ष पद पर काबिज होने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस की ओर से अध्यक्ष पद के लिए अखिलेश कछवाहा का नाम सामने आ रहा है। उपाध्यक्ष पद के लिए विनय वरदानी एवं अनिल दुबे के नामों की भी चर्चा चल रही है। यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस निर्दलियों के साथ मिलकर कोई बड़ा खेल भी कर सकती है।

बहुमत से दूर भाजपा एवं कांग्रेस दोनों के लिए निर्दलियों का समर्थन पाना एवं अपने पार्षदों को एकजुट रखना बड़ी चुनौती है। जो भी इसे करने में सफल रहे उसके सर ही 18 अक्टूबर को ताज सजेगी।

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