रिटायर्ड FSLअफसर ने बदली पुलिस की थ्योरी: सागर लैब की बैलेस्टिक रिपोर्ट बताएगी किस वेपन की बुलेट से हुई माही की मौत,

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इंदौर4 मिनट पहले

इंदौर में 4 अक्टूबर को मां की गोद में बैठकर गरबा देख रही 11 साल की माही की गोली लगने से मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस के हाथ अब तक खाली ही रहे हैं। एफएसएल टीम मौका मुआयना कर सीन रीक्रिएशन भी करवा चुकी है। इस सबके बावजूद पुलिस और एफएसएल टीम किस वेपन से गोली चली उसके बारे में साफ तौर पर कुछ नहीं कह पा रहे हैं। इसके चलते अब पूरी जांच सागर लैब से मिलने वाली बैलिस्टिक रिपोर्ट पर टिक गई है। अभी तक पुलिस अधिकारी यह पता नहीं लगा पाए हैं कि माही के सिर को मेटल के जिस टुकडे ने छेदा था, आखिर वह क्या है। इस बारे में भास्कर ने इंदौर के दो एफएसएल अधिकारियों से इस मामले में बात की। यहां पढ़िए वर्तमान और पूर्व एफएसएल अधिकारियों ने गोलीकांड के बारे में क्या कहा…

एक किलोमीटर दूर से भी आकर लग सकती है गोली

इस मामले में पहले ही दिन से जांच कर रहे एफएसएल अधिकारी बीएल मंडलोई पुलिस अनुसंधान और सागर की लैब से आने वाली बैलिस्टिक रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ भी कहने के पक्ष में दिखे। मंडलोई ने कहा कि बिना रिपोर्ट आए कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। वहीं रिटायर्ड अफसर डॉ. सुधीर शर्मा का मानना है कि यह जरूरी नहीं है गोली जरूरी नही मौके से चली है। शर्मा का कहना है कि जिस राइफल का कारतूस बताया जा रहा है। उसका एरिया काफी बड़ा होता है। मतलब गोली एक किलोमीटर दूर से भी आकर बच्ची के सिर में लग सकती है। फिलहाल पुलिस इलाके के लाइसेंसदार आर्म्स वालों से पूछताछ करने में जुटी है।

एफएसएल अधिकारी बीएल मंडलोई

एफएसएल अधिकारी बीएल मंडलोई

315 बोर की राइफल से चली है, तो जरूरी नहीं मौके से आई है गोली
प्रांरभिक जांच में अफसर 315 बोर की राइफल से गोली चलने और बच्ची के सिर में मिले मेटल के टुकड़े को उसी कारतूस का हिस्सा मान रहे हैं। लेकिन रिटायर्ड एफएसएल अफसर डॉक्टर सुधीर शर्मा का कहना है कि अगर कारतूस 315 बोर का उसी है तो जरूरी नही कि वह मौके से ही चला हो। यह बुलेट विजय नगर और लसूड़िया की सीमा क्षेत्र या कहें की एक किलोमीटर से अधिक दूर के एरिया से भी आ सकती है। इसका पुलिस किस तरह से अनुसंधान करती है, यह देखना जरूरी है।

रिटायर्ड एफएसएल अफसर डॉक्टर सुधीर शर्मा

रिटायर्ड एफएसएल अफसर डॉक्टर सुधीर शर्मा

महू और बाणगंगा में हो चुके है हर्ष फायर में हादसे
रिटायर्ड अफसर सुधीर शर्मा ने बताया कि दो से तीन साल में एक बार इस तरह के हादसे होना सामान्य बात है। जिसमें हर्ष फायर में निर्दोष की जान चली जाती है। उन्होंने बताया कि उनके कार्यकाल के दौरान महू आर्मी रेंज ओर देहात में इस तरह के मामले सामने आ चुके है। कुछ साल पहले बाणगंगा में मिष्ठी नाम की बच्ची की ऐसे ही पिता की पिस्टल से जान चली गई थी। लेकिन उस समय आर्म्स मौके पर ही मौजूद था। बस बच्ची ने गलत तरीके से खेल में ट्रिगर दबा दिया था।
ग्वालियर बिहार में इस तरह की बात आम
डॉक्टर सुधीर शर्मा ने बताया कि ग्वालियर और बिहार में हर्ष फायर के दौरान जान जाने जैसे मामले आम है। ग्वालियर में कुछ साल पहले बर्तन धो रही एक महिला की ऐसे ही सिर में से खून निकला और वह मर गई। जब पोस्टमॉर्टम रूम से उसके सिर का सिटी स्कैन कराया गया तो पता चला कि सिर में गोली है। जिसके बाद पुलिस ने उसके पति को ही आरोपी बना दिया। इसके बाद एफएसएल की टीम ने महिला के बैठने और डायरेक्शन की जांच की तो पता चला कि गोली दरवाजे की तरफ से आई थी। आगे की जांच में पता चला कि ग्वालियर में ऊंचाई वाले किले से फायर किया गया था। जिसमें कारतूस का टुकड़ा महिला के सिर में आ लगा था। इसके साथ ही बिहार में भी एक बच्चे की इसी तरह से जान चली गई थी। जिसमें जंगल से शिकार के लिए हुए फायर में घर के बाहर पलंग पर लेटे बच्चे के पेट में आकर गोली लगी थी। बाद में जांच में मामला शिकार का निकला था।

माही की मौत में तीन पुलिसकर्मी और गार्ड से पूछताछ
माही की मौत के मामले में हीरा नगर पुलिस ने इलाके में रहने वाले तीन पुलिसकर्मी और कुछ गार्ड से पूछताछ की। जिसमें उनके लाइसेंसी आर्म्स और कारतूस को लेकर भी पूछताछ की गई। बताया जाता है कि शुक्रवार शाम तक हीरा नगर पुलिस को इस मामले में कोई खास सफलता नही मिली थी। जबकि गुरुवार को पुलिस ने मामले में अज्ञात पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया था। डॉक्टरों ने भी माही की पीएम रिपोर्ट पुलिस को सौंप दी है।

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