भोपाल में रावण के 7 हजार पुतले जलेंगे: दो साल बाद कोई बंदिश नहीं, 300 कारीगर पुतले बनाने में जुटे; एडवांस बुकिंग

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भोपाल19 मिनट पहले
राजधानी भोपाल में नवरात्रि के बीच दशहरे की तैयारी भी शुरू हो गई है। 40 से ज्यादा स्थानों पर बड़े स्तर पर रावण के पुतलों का दहन होगा। वहीं, गली-मोहल्लों और कॉलोनियों में भी रावण दहन होगा। इसके लिए करीब 300 कारीगर 7 हजार से ज्यादा पुतले बना रहे हैं। पुतलों की एडवांस बुकिंग भी शुरू हो गई है। हालांकि, अबकी बार पुतलों के निर्माण में महंगाई का साया है। इस कारण पुतले 20% तक महंगे हो गए हैं।
बता दें कि अबकी बार दशहरे को लेकर कोई बंदिश नहीं है। ऐसे में दशहरा उत्सव समितियां और लोग रावण दहन की तैयारियों में जुटे हैं। कोरोना के चलते दो साल से रावण दहन का कार्यक्रम बड़े स्तर पर नहीं मना है। पिछले साल श्रीराम चल समारोह प्रतीकात्मक रूप से निकलें तो रामलीला का मंचन नहीं किया गया था। वहीं, मैदान या हॉल की कैपेसिटी से 50% लोग ही शामिल हो सके थे।
7 से 40 फीट ऊंचे पुतले बन रहे
ईंटखेड़ी, बांसखेड़ी, तुलसीनगर, लिंक रोड-2 समेत कई इलाकों में कारीगर पुतले तैयार कर रहे हैं। 7 से 40 फीट ऊंचे पुतले बनाए जा रहे हैं। कारीगर विशाल बंसल ने बताया, एक कारीगर छोटे-बड़े 20 से 25 पुतले तक बना रहा है। पुतले खरीदने के लिए लोग आ रहे हैं। एडवांस बुकिंग भी शुरू हो गई है।

भोपाल में 300 कारीगर रावण के पुतले बना रहे हैं।
पुतलों के निर्माण में महंगाई का असर
कारीगर राजा बाबू ने बताया, बांस, पेपर, धागा, कपड़ा आदि के रेट में 20% तक बढ़ोतरी हुई है। इसके चलते पुतलों की लागत बढ़ गई है।
बुकिंग शुरू हो गई, वाटर प्रूफ पुतले भी बना रहे
कारीगर घोटूलाल बंसल ने बताया, बुकिंग शुरू हो गई है। हालांकि, अभी कुछ ही लोग आ रहे हैं, लेकिन सप्तमी के बाद बुकिंग बढ़ जाएगी। पुतलों की कीमत 4 हजार रुपए से लेकर 25-30 हजार रुपए तक है। ये पुतले की कीमत है। यदि कोई पुतलों में पटाखे रखवाना चाहेंगे तो उसकी कीमत बढ़ जाएगी। बड़े पुतलों की कीमत ज्यादा है, क्योंकि इसमें बांस, धागा, कपड़ा, पेपर का उपयोग ज्यादा होता है। वहीं, तीन से चार कारीगर काम में लगते हैं।

भोपाल के लिंक रोड-2 पर रावण के पुतले बनाते कारीगर।
पिछली बार ये भी रोक, अबकी बार कुछ नहीं
- दशहरे पर श्रीराम चल समारोह प्रतीकात्मक रूप से निकलेंगे।
- दशहरे पर रामलीला का मंचन भी किया जा सकेगा, लेकिन मैदान या हॉल की कैपेसिटी से 50% लोग ही शामिल हो सकेंगे।
- रावण दहन के कार्यक्रम खुले मैदान में फेस मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग रखने की शर्त पर आयोजन समिति कर सकेगी। इससे पहले SDM से परमिशन लेना जरूरी होगी।
- रावण दहन के वृहद आयोजन जिनका स्वरूप मेले समान होता है, की अनुमति नहीं होगी।
- कोरोना संक्रमण को देखते हुए बचाव के उपाय किए जाने जरूरी होंगे।
(नोट: इस बार कोरोना का संक्रमण कम है। इसलिए दशहरे को लेकर गाइडलाइन भी जारी नहीं हुई है।)
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