भोपाल आए आर्कियोलॉजिस्ट के.के मुहम्मद: कहा – श्रीराम मंदिर बन जाएगा तो जीवन सफल हो जाएगा, मुस्लिम शासकों ने जो गलती की वह हमें सुधारना चाहिए

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21 मिनट पहले
‘पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात् पूर्णमुदच्यते’ वायुपुराण के यह श्लोक के साथ भोपाल में आज पुरातत्वविद केके मुहम्मद में निर्माणाधीन राम मंदिर को लेकर कहा कि बाबरी मस्जिद की खुदाई के दौरान हिन्दू प्रतीकों के साथ 12 स्तंभ मिले थे। साथ ही खुदाई में टेराकोटा की मूर्तियां भी मिली, जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि मस्जिद से पहले वहां एक मंदिर मौजूद था। उन्होंने कहा की भारत में मंदिर-मस्जिदो को लेकर लोगों में कई और बड़ी समस्याएं हैं, जिन्हें साथ बैठकर शांति के साथ हल किया जा सकता है। उन्होंने विरासत को सहेजने में शासन से सहयोग की अपील भी की।
इतिहास का काम धर्मों में ‘फूट फैलाना नहीं’
प्रोग्राम में स्पीकर के तौर पर सबरीमाला मंदिर का केस लड़ने वाले साई दीपक ने इतिहास युवा के लिए आवश्यक क्यों विषय पर कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने चेन्नई में स्थित एक शिव मंदिर और चर्च को लेकर बात करते हुए कहा कि सच को स्वीकार करना और सच बोलने दोनों में अंतर होता है। इतिहास का रोल फूट फैलाना नहीं है। इतिहास दर्पण का कार्य करता है। उन्होंने युवाओं से इतिहास को पढ़ने और जानने का आग्रह भी किया।
भारतीय इतिहास सीखता है ‘जीवन का सार’
इस अवसर पर पद्मश्री कपिल तिवारी ने भारतीय इतिहास को परिभाषित करते हुए कहा कि भारत को समझने का मतलब पहले खुद को समझना और अपनी परंपरा को समझना है। उन्होंने कहा कि आजकल लोग कहरी माहौल में जाने की बजाय लाइब्रेरी में बैठकर तथ्यों को जानना और समझना चाहते है, लेकिन एक कमरे में बैठकर हम अपनी इतिहास और विरासत को समझ नहीं सकते। इतिहास जीवन की एक खोज है।
उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हुए युद्ध और झांसी की रानी का उदाहरण देते हुए कहा कि किसी हिंदी इतिहासकार ने कभी यह जानने की कोशिश नहीं की कि हरबोले कौन थे ?? ईसा के पहले का समय हमारे लिए पौराणिक और बाद का समय इतिहास है। उन्होंने कहा जहां वेस्टर्न हिस्ट्री – एक कालखंड है तरह लेकिन भारतीय इतिहास जीवन का सार सिखाता है।
सुरेश मिश्र फाउंडेशन द्वारा प्रोग्राम करवाया गया
यह सभी वक्तव्य भारतीय इतिहास, कला एवं संस्कृत के क्षेत्र में कार्य कर रही सुरेश मिश्र इतिहास तथा सास्कृतिक शोध संस्थान द्वारा संगोष्ठी और पुस्तक विमोचन कार्यक्रम दौरान दिया गया। इस अवसर पर फाउंडेशन फाउंडर प्रियंका मिश्रा को किताब सुरेश मिश्र समय गोठ राज्य का इतिहास के साथ जे साई दीपक द्वारा लिखित किताब इंडिया भारत पाकिस्तान [दि कास्टिट्यूशनल जर्नी ऑफ ए सेंडविड सिविलाइजेशन का विमोचन भी किया गया।
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