रामलला आ गए, काशी और मथुरा की जय-जयकार होनी है: पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बोले- हिंदुत्व की बयार की प्रथम आग लगाने वाली है यह नगरी

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वाराणसी21 मिनट पहले
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि गंगा और शिव के मिलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सेतु बने हैं।
मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने श्रृंगार गौरी केस की सुनवाई होने के कोर्ट के आदेश का स्वागत किया है। मंगलवार को उन्होंने वाराणसी के दुर्गाकुंड स्थित धर्मसंघ शिक्षामंडल में कहा कि कानून अपना काम कर रहा है। कण-कण में शंकर हैं। रामलला आ चुके हैं, रामलला विराजमान होंगे। फिर, काशी की जय-जयकार होगी। अभी मथुरा छोड़ दिए हो आप… वहां भी जय-जयकार होनी है।
उन्होंने कहा कि हम काशी आकर धन्य हुए हैं। यह हिंदुत्व की बयार की प्रथम आग लगाने वाली और जन-जन को जगाने वाली नगरी का नाम काशी है। यहां प्राचीनता है और दिव्यता है। यहां अक्खड़ भी हैं और फक्कड़ भी हैं। दिव्य और भव्य श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति सनातन हिंदू धर्म को मानने वाले आभारी हैं। गंगा और शिव के मिलन के लिए प्रधानमंत्री सेतु बने हैं।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हम काशी आकर धन्य हो गए। यहां प्राचीनता है और दिव्यता है। यहां अक्खड़ भी हैं और फक्कड़ भी हैं।
हमारे ऊपर बागेश्वर बालाजी की कृपा है
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हमारे ऊपर बागेश्वर बालाजी की कृपा है। हमारी तीन पीढ़ियों से अनवरत दरबार लग रहा है। हम कोई चमत्कारी नहीं हैं। हम कोई संत नहीं हैं। हम साधारण से ब्राह्मण बालक हैं और सबसे पहले सनातनी हिंदू हैं। हमारे यहां 320 वर्ष प्राचीन स्वयंभू हनुमानजी महाराज का विग्रह हैं। जो बालाजी महाराज की प्रेरणा होती है वह हम कह देते हैं और उनकी कृपा से वह सही साबित होता है। सब कुछ गुरु कृपा की कृपा है।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हम साधारण से ब्राह्मण बालक हैं और सबसे पहले सनातनी हिंदू हैं।
धर्म धंधा का विषय नहीं है
ललितपुर में कथा रद्द करने के सवाल पर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि अगर कोई कथा बेच रहा है तो खरीदार भी हम और आप ही तो हैं। धर्म धंधा का विषय नहीं है, हमें जागरूक होना पड़ेगा। धर्म श्रद्धा का विषय है। श्रद्धा में कोई कुछ भी दे जाए, लेकिन रेट सूची कतई उचित नहीं है। इसलिए हमने उस पर प्रहार किया और कथा को रद्द कर दिया। हम ऐसी कथा नहीं करेंगे जिसमें बागेश्वर धाम के नाम पर वसूली की जाए।
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