भूविस्थापित किसान के साथ मारपीट से भड़का गुस्सा, नीलकंठ आउटसोर्सिंग कंपनी के खिलाफ उबाल — ग्रामीण बोले, “हक़ मांगने पर मिलता है अपमान”

कोरबा,12 अक्टूबर 2025। एसईसीएल कुसमुंडा क्षेत्र के चंद्रनगर गांव में नीलकंठ आउटसोर्सिंग कंपनी के खिलाफ स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी देखने को मिल रही है। मामला उस वक्त गरमा गया जब शुक्रवार को भूविस्थापित किसान समीर पटेल के साथ कंपनी परिसर में महिला बाउंसरों ने मारपीट की।
जानकारी के अनुसार, समीर पटेल पिछले एक वर्ष से भूविस्थापन के बदले कंपनी में रोजगार की मांग को लेकर लगातार प्रयास कर रहे थे। शुक्रवार को जब वे कंपनी के एचआर मुकेश सिंह से मिलने पहुंचे, तो बातचीत के बजाय सुरक्षा के नाम पर तैनात महिला बाउंसरों ने उन्हें धक्का-मुक्की करते हुए बाहर निकाल दिया। इससे नाराज ग्रामीणों ने कंपनी परिसर के बाहर प्रदर्शन किया।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि नीलकंठ कंपनी जानबूझकर स्थानीय भूविस्थापितों को रोजगार से वंचित कर रही है। जो लोग अपने हक़ की बात करने जाते हैं, उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है। महिला बाउंसरों की तैनाती को लेकर भी लोगों ने सवाल उठाए हैं — “क्या कंपनी डर का माहौल बनाकर अपनी जवाबदेही से बचना चाहती है?”
घटना के बाद चंद्रनगर व आसपास के इलाकों में आक्रोश फैल गया। छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना और स्थानीय ग्रामीण बड़ी संख्या में कंपनी कार्यालय पहुंचे। हंगामे के बाद कंपनी प्रबंधन ने आश्वासन दिया कि आगे से कार्यालय में महिला बाउंसरों की तैनाती नहीं की जाएगी और मामले की जांच की जाएगी।
हालांकि, प्रशासन और पुलिस की चुप्पी पर ग्रामीणों ने कड़ा विरोध जताया है। उनका कहना है कि जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होती और भूविस्थापितों को रोजगार नहीं दिया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
ग्रामीणों का एक ही सवाल गूंज रहा है —
“जो जमीन हमने दी, उसी कंपनी के गेट पर हमें पीटा जा रहा है… क्या यही विकास की कीमत है?”