भिंड जिले में मना दशहरा पर्व: रामलीला मंचन के बाद रावण का पुतला दहन, बुराई पर अच्छाई की जीत पर लगे जयकारे

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भिंड31 मिनट पहले

लहार के भाटनताल पर आयोजित श्रीराम लीला मंचन।

भिंड जिले में दशहरा पर्व की धूम बुधवार को रही। नवदुर्गा समापन के बाद देवी पांडालों में हवन पूजन के बाद देवी विसर्जन का सिलसिला दिनभर चला। शाम को भिंड शहर के एमजेएस ग्राउंड व लहार में भाटनताल मैदान में रावण दहन किया गया। रावण दहन के मौके पर भिंड शहर व लहार कस्बे की जनता हजारों की तादाद में पहुंची। यहां बुराई का प्रतीक रावण दहन कार्यक्रम हर्षोल्लास से मनाया गया।

रावण का पुतला।

रावण का पुतला।

जिले की सबसे प्राचीन रामलीला का मंचन

भिंड शहर के अलावा रावण दहन को लेकर लोगों में विशेष उत्साह देखने को मिला। लहार कस्बे में जिले की सबसे प्राचीन रामलीला का मंचन किया गया। रामलीला का अंतिम दिन रावण दहन की लीला आयोजित की गई। खेरापति हनुमान मंदिर पर रामलीला मंचन होता था। रावण दहन की लीला का मंचन भाटन ताल पर किया गया। दोपहर करीब तीन बजे से राम-रावण संवाद शुरू हुआ। इसके बाद रामजी ने भक्त विभीषण के बताए अनुसार रावण की नाभि में तीर मारा और रावण को जीवन मरण से मुक्त दी। रावण दहन के दौरान भगवान श्रीराम के जयकारों से पूरा परिसर गूंज उठा। लोगों ने एक दूसरे को बधाई दी।

श्रीरामलीला मंचन के दौरान का दृश्य। रावण दहन काे देखने जुटी भीड़।

श्रीरामलीला मंचन के दौरान का दृश्य। रावण दहन काे देखने जुटी भीड़।

देवी-देवताओं पर चढ़ाया पान का बीड़ा

दशहरा पर्व पर देवी देवताओं पर धार्मिक अनुष्ठानों का आयाेजन जगह-जगह किए गए। सबसे ज्यादा देवी मंदिरों पर रही। दबोह की रहकौला देवी, लहार में मंगलादेवी माता, पावई वाली माता समेत हर छोटे बड़े मंदिरों पर धार्मिक अनुष्ठान कराए गए। इसके अलावा लोगों ने अपने-अपने ईष्टों की पूजा की। शस्त्रों का पूजन किया गया। लोगों ने अपने ईष्ट देवी देवताओं को पान का बीड़ा चढ़ाया। ये सिलसिला पूरे दिन चलता रहा।

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