भिंड के सतेंद्र ने विदेश में फहराया परचम: स्कूल से बंक मारकर गांव की नदी में सीखी थी तैराकी, मां-चाची करती थी पिटाई

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भिंडएक घंटा पहले

भिंड के गाता गांव की बैसाली में तैराकी करते गांव के बच्चे। इसी नदी में पैरा स्वीमर सतेंद्र सिंह ने बचपन में तैराकी करते थे।

बीते रोज नार्थ इंग्लैंड के के डोनगड़ीऔर पोर्ट पेट्रियट स्काॅटलैंड का सबसे ठंडा चैनल को मध्य प्रदेश के सतेंद्र सिंह लोहिया ने 14 घंटे 39 मिनट में पार किया। सतेंद्र मूलत: भिंड जिले के मेहगांव कस्बे के अंतर्गत गाता गांव के रहने वाले हैं। सतेंद्र, विदेश की धरती पर तैराकी में परचम फहराया। इधर उनके गांव में खुशी का माहौल है। दैनिक भास्कर टीम सतेंद्र के पैतृक गांव पहुंची। साथ उस नदी पर पहुंचे जहां सतेंद्र ने तैराकी सीखीथी। आज भी गांव से होकर निकली बैसली नदी पर गांव के छोटे-छोटे बच्चे तैराकी सीखते हैं। वहीं, सतेंद्र के चचेरे भाई का कहना है कि कि जब वो ज्यादा देर तक नदी में तैरते थे तो घर पर डांट भी पड़ती थी। सतेंद्र की मां और चाची पिटाई लगाती थी।

गांव में खुशी का माहौल

सतेंद्र के चाचा समेत अन्य परिजन आज भी गांव में रहते है। दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान सतेंद्र के चाचा वासुदेव जाटव ने बताया कि बचपन में सतेंद्र गांव में रहे। इसके बाद मेहगांव से हायर सेकंडरी की पढ़ाई की। चाचा के माता पिता ग्वालियर में बस गए। सतेंद्र इंदौर में सरकारी नौकरी करता है। जब सतेंद्र के चाचा से पूछा गया कि आपको पता है कि सतेंद्र ने इंग्लैंड में सबसे ठंडा नॉर्थ चैनल पार किया। इस पर उनका कहना है कि तैराकी में रिकाॅर्ड बनाया है। इस बात को लेकर परिवार व गांव के लोगों में हर्ष बना हुआ है।

इंग्लैंड के चैनल में आयोजित तैराकी में भाग लेते सतेंद्र।

इंग्लैंड के चैनल में आयोजित तैराकी में भाग लेते सतेंद्र।

तब रहती थी फिक्र अब होता फख्र

गांव में रहने वाली सतेंद्र की चाची कहती है कि कई बार सतेंद्र स्कूल न जाकर नदी में नहाने चला जाता था। वो दिनभर नदी में नहाता था। पैरों से कमजोर बेटे को लेकर फिक्र होती थी। मैंने भी कई बार डाटा पीटा। सतेंद्र की मां भी उसे डांटती और पीटती थी। परंतु आज जिस तरह गांव का नाम रोशन कर रहा है। उसे हम सभी को उस पर नाज है। उस पर फख्र है।

मैं और सतेंद्र नहाते थे नदी में

  • सतेंद्र का चचेरा भाई कोमल का कहना है कि मैं और सतेंद्र स्कूल से बंक मारकर इसी नदी में तैराकी करते थे। कई बार पूरा दिन नदी में नहाने की वजह से घर में पिटाई होती थी।
  • वहीं सतेंद्र के गांव के मित्र दिवाकर शर्मा का कहना है कि सतेंद्र और बचपन के मित्र है। दोनों लोग साथ में पढ़ाई करते थे। सतेंद्र, भले ही दिव्यांग हो परंतु इरादे से हमेशा मजबूत रहा। हम दोनों ने कई बार गांव की नदी में तैराकी की।
  • तैराकी के दौरान का दृश्य।

कई अवार्ड हासिल कर चुके दिव्यांग सतेंद्र

सत्येंद्र सिंह लोहिया ने विश्व का सबसे ठंडा कहे जाने वाला नॉर्थ चैनल पार करने मे सफ़लता अर्जित की है। यह नॉर्थ चैनल नॉथलैंड के डोनगड़ी और पोर्ट पेट्रियट स्कॉटलैंड के बीच की 36 किलोमीटर दूरी की तैराकी है। इससे पहले भी अमेरिका और कैटरिना चेनल को पार करके सुर्खियों में आए हैं। सतेंद्र मूलतः मेहगांव के गाता के निवासी हैं और गाता ही उनकी जन्मभूमि है। गाता गांव के समीप बहने वाली बैसली नदी से ही तैराकी करने का गुर दिव्यांग सतेंद्र ने सीखा है। दिव्यांग तैराक सतेंद्र सिंह लोहिया अपने छह साथी हरियाणा के मनजीत सिंह, कोलकाता के रिमो सहा, नागपुर के जयंत कुमार, असम के एल्विश और तमिलनाडू के स्नेहन के साथ बीते रोज नॉर्थ चैनल में तैराकी की। वर्ष 2014 के विक्रम अवार्डी एवं 2019 तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक अवार्डी सतेंद्र ने बताया कि छह तैराको की टीम में तीन दिव्यांग तैराक थे, जिन्होंने नॉर्थ चैनल में तैराकी की । इस चैनल की यह खासियत है कि यह जितने भी वर्ल्ड के चैनल है उसमें से सबसे ठंडा चैनल है। 12 डिग्री के लगभग इसका तापमान रहता है। इस कार्य को करने में सफलता हासिल करने वाली यह पहली एशियन भारतीय टीम है जिसने सर्वाधिक ठंडे नार्थ चैनल को पार कर किया है।

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