साइकोलॉजी लैब: प्रदेश की पहली साइकोलॉजी लैब मॉडल स्कूल भोपाल में, यहां रोज 20 स्टूडेंट की काउंसिलिंग; एप्टीट्यूड जैसे 50 टेस्ट लेते

[ad_1]

  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Bhopal
  • State’s First Psychology Lab Model School In Bhopal, Here Daily 20 Student Counseling, Personality, Interest From Tool Kit; Take 50 Tests Like Aptitude

भोपालएक घंटा पहलेलेखक: भीम सिंह मीणा

  • कॉपी लिंक
लैब में मौजूद किट में कुछ प्रश्न पत्र और बहुत सारी तकनीकी मैथेड वाली टूल किट मौजूद - Dainik Bhaskar

लैब में मौजूद किट में कुछ प्रश्न पत्र और बहुत सारी तकनीकी मैथेड वाली टूल किट मौजूद

मप्र की पहली साइकोलॉजी लैब भोपाल के मॉडल हायर सेकंडरी स्कूल टीटी नगर में 8 महीने पहले शुरू की गई। अब तक 800 से ज्यादा स्टूडेंट की काउंसिलिंग की जा चुकी है, वहीं लगभग 400 अभिभावकों को बुलाकर भी बात की गई है। यह संख्या नया सत्र शुरू होने के बाद यानी 15 जून के अब की है। यहां रोज औसतन 20 स्टूडेंट काउंसिलिंग के लिए आ रहे हैं। इनके अलावा क्लासेस में जाकर भी काउंसिलिंग की जाती है।

लैब में काउंसलर शबनम खान पूरे स्कूल टाइम में मौजूद रहती हैं और वे हर बच्चे की एक विशेष टूल किट की मदद से काउंसिलिंग करती हैं। इन टूल किट के जरिए पर्सनालिटी टेस्ट, इंट्रेस्ट टेस्ट, एप्टीट्यूड टेस्ट, डिप्रेशन टेस्ट, डेवलपमेंटल टेस्ट समेत लगभग 50 से ज्यादा टेस्ट लिए जाते हैं। वहीं, 12वीं में लिए गए किस विषय के बाद क्या कर सकते हैं ऐसे लगभग 1000 कोर्सेस के बारे में बताया जाता है। इन टेस्ट के लिए करीब 50 प्रकार की टूल किट (मनोवैज्ञानिक परीक्षण करने की विधि) इस लैब में मौजूद हैं। इनके जरिए स्टूडेंट की निर्णय लेने की क्षमता को परखा जाता है। उनकी व्यक्तिगत समस्याएं और कॅरियर गाइडेंस के बारे में समझाइश दी जाती है। स्कूल में कक्षा 6वीं से 12वीं अभी करीब 2300 स्टूडेंट हैं। इनमें से लगभग 1700 स्टूडेंट सिर्फ 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं में पढ़ रहे हैं। इनमें से अब 800 से ज्यादा स्टूडेंट की काउंसिलिंग की जा चुकी है।

ऐसे की जाती है काउंसिलिंग

लैब में मौजूद किट में कुछ प्रश्न पत्र और बहुत सारी तकनीकी मैथेड वाली टूल किट मौजूद हैं। जब स्टूडेंट अपनी समस्या लेकर आता है तो बातचीत करके समझा जाता है कि किस बात को लेकर परेशान हैं। फिर उसी आधार पर उसे टूल किट दी जाती है और निगरानी की जाती है कि वह कैसे उसे हल कर रहा है। उसके हल करने के तरीके से पता चल जाता है कि वह क्या चाहता है और किस दिशा में जाना चाहता है। यह काउंसिलिंग ग्रुप में और व्यक्तिगत भी की जाती है।

बच्चों में डिप्रेशन कुछ ज्यादा ही बढ़ रहा है

स्कूल में शुरुआत से काउंसिलिंग हो रही है, लेकिन साइकोलॉजी लैब का कॉन्सेप्ट बीते साल आया। जब छात्र-छात्राओं से बातचीत में महसूस हुआ कि बच्चों में डिप्रेशन कुछ अधिक बढ़ रहा है। पढ़ाई के प्रेशर से लेकर कॅरियर तक को लेकर वे जरूरत से अधिक चिंतित हैं। इसके बाद हमने लैब की योजना बनाई और पूरे मप्र के सरकारी स्कूलों में यह पहली साइकोलॉजी लैब शुरू हुई।
-रेखा शर्मा, प्रिंसीपल, मॉडल हायर सेकंडरी स्कूल टीटी नगर भोपाल

खबरें और भी हैं…
[ad_2]
Source link

Related Articles

Back to top button