भगवान व्यंकटेश मंदिर निर्माण की रखी नींव: राज्यपाल मंगू भाई पटेल कार्यक्रम में हुए शामिल, कर्नाटक से आए आचार्य रामप्रिय भट्टर स्वामी किया भूमिपूजन

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इटारसी11 घंटे पहले
रविवार को अखिल भारतीय श्री स्वामी सीतारामाचार्य भागवत गोष्ठी न्यास के सहयोग से निर्मित श्री बैकुंठ धाम रामानुजनगर में व्यंकटेश मंदिर का भूमिपूजन किया गया। इस कार्यक्रम में श्री रंग मंदिर वृंदावन के श्री गोवर्धन रंगाचार्य स्वामी महाराज और प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल मौजूद रहे। संपूर्ण पूजा पाठ और भूमिपूजन आचार्य कर्नाटक से रामप्रिय भट्टर स्वामी ने किया।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि बैकुंठ सुदर्शन धाम का प्रकल्प आने वाली पीढ़ियों के लिए भारत की एकता और अखंडता की प्रेरणा का केंद्र बनेगा। यह धाम राष्ट्रप्रेम और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक होकर आध्यात्मिकता को मजबूत बनाएगा। यह धाम देश के उत्थान के लिए उत्तम मानव निर्माण के संकल्प की पूर्ति में सहायक होगा। शिक्षा, आरोग्य, स्वास्थ्य पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महती भूमिका निभाएगा।
ये रहे मौजूद
राज्यपाल ने नर्मदापुरम जिले की तहसील इटारसी के ग्राम धोखेड़ा में बैकुंठ सुदर्शन धाम श्री वेंकटेश्वर मंदिर के भूमि पूजन और शिलान्यास के बाद संबोधित किया। इस अवसर पर विधायक एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा, विधायक राघौगढ़ संजय सत्येंद्र पाठक, मध्यप्रदेश तैराकी संघ के अध्यक्ष पीयूष शर्मा, नगर पालिका अध्यक्ष इटारसी पंकज चौरे, जनपद अध्यक्ष भूपेंद्र चौकसे, अखिल भारतीय स्वामी सीताराम आचार्य भागवत गोष्टी न्यास ट्रस्ट के संस्थापक युवराज स्वामी राम कृष्णा आचार्य, श्री राम मंदिर वृंदावन के श्री 1008 श्री गोवर्धन रंगाचार्य स्वामी महाराज, श्री 1008 श्री स्वामी सुदर्शनाचार्य जी महाराज इटारसी, भूमि पूजन के लिए आए।
आचार्य कर्नाटका से राम प्रिय भट्टर स्वामी स्वामी उपस्थित रहें। कार्यक्रम का संचालन मानिकपुरी भिलाई ने किया। संस्थापक युवराज स्वामी श्री राम कृष्णा आचार्य ने मंदिर परियोजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। आयोजन अखिल भारतीय स्वामी सीतारामचार्य भागवत संगोष्ठी न्यास ने किया। श्री वेंकटेश्वर मंदिर का भूमि पूजन विधिवत शास्त्रों में निहित परंपरा के अनुरूप किया।
राज्यपाल ने न्यास को दी बधाई
राज्यपाल ने कहा कि ईश्वर की सभी रचनाओं में मानव ही सबसे शक्तिशाली और बुद्धिशाली है। केवल मानव को ही बोलने की शक्ति ईश्वर ने प्रदान की है। मानव को धन अर्जन, स्वयं के विकास तक ही सीमित न होकर देश के विकास के लिए भी अग्रसर होना पड़ेगा। उन्होंने सनातन धर्म और संस्कृति के गौरव उत्थान की ऐतिहासिक पहल के लिए न्यास को बधाईयां दी।
राज्यपाल ने कहा कि हम अपनी असली जड़ों से जुड़े अपनी वास्तविक शक्ति से परिचित हो। हमारी आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक एकता की विरासत के संरक्षण और संवर्धन में सहभागी होकर भावी पीढ़ी को भारतीय जीवन मूल्य से संस्कारित करें।

आवागमन की सुविधा की वजह से इटारसी का चयन
श्रीश्री 1008 श्री युवराज स्वामी रामकृष्णाचार्य महाराज ने बताया कि इटारसी शहर जो भारत के मध्य में है। यहां पर आवागमन की संपूर्ण सुविधा को देखते हुए इसका चयन किया गया है। उन्होंने कहा कि यह मंदिर देश में अनूठी शिल्प कला के लिए पहचाना जाएगा।

भारत माता का मंदिर भी बनेगा
मंदिर में श्री वेंकटेश भगवान विराजित होंगे। दक्षिण भारत के कलाकार 64 फीट के गोपुरम याने शिखर सहित मंदिर का निर्माण करेंगे। मंदिर परिसर में उत्सव भवन, भक्तों के ठहरने के लिए आवास, लेजर लाइट शो, सहित निरंतर धार्मिक आयोजन होंगे। इस धर्म क्षेत्र में 111 फीट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज लगाया जाएगा। राष्ट्रीय ध्वज के पास भारत माता का मंदिर बनेगा। 108 फीट ऊंचा धर्म ध्वज होगा।

तिरूपति जैसा भव्य होगा मंदिर
ट्रस्ट के सचिव श्याम काबरा और कोषाध्यक्ष श्रीनिवास खेडिया ने बताया कि मंदिर दो साल में बनकर पूरा हो जाएगा। यह एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाएगा। भगवान वेंकटेश्वर की पूजा-अर्चना तिरुपति के मंदिर की तर्ज पर होगी। मंदिर का आकार भी तिरूपति जैसा भव्य होगा। मंदिर की डिजाइन हैदराबाद के आर्किटेक्ट प्रसाद कर रहे हैं, जिन्होंने हैदराबाद में श्री रामानुजाचार्य की विशाल प्रतिमा बनाई थी।
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