बढ़ी परेशानी: ड्रेनेज सिस्टम फेल, सड़कों सहित कई क्षेत्रों में भर गया पानी; बढ़ गए गड्ढे

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ग्वालियरएक घंटा पहले
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जयेंद्रगंज रोड पर गड्ढे में गिरा ई-रिक्शा
- केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर व निगम आयुक्त के बंगले में भी भर गया पानी
- 24 घंटे की बेमौसम बरसात ने खोल दी व्यवस्था की पोल
शहर में पिछले 24 घंटे से हो रही बारिश ने नगर निगम के ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोल दी। सड़कें ही जलमग्न नहीं हुईं। शहर के कई क्षेत्रों में पानी भर गया। पानी निकालने के लिए लोगों दमकल वाहन कार्यालय पर फोन लगाना शुरू कर दिए। कुछ समय तक तो फोन आफिस और अधिकारियों ने उठाए। उसके बाद फोन उठाना बंद कर दिया। यह खबर आयुक्त किशोर कन्याल पर पहुंची। उन्होंने निगम के दमकल आफिस का निरीक्षण किया और अधिकारियों पर नाराजगी जताई।
बारिश की वजह से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बंगले के बाहरी क्षेत्र में पानी प्रवेश कर गया। यही स्थिति आयुक्त कन्याल के बंगले की हुई। शहर में पानी निकालने के लिए दमकल वाहनों को भेजा गया। सड़कों पर हुए गड्ढे: तेज बारिश के कारण सड़कों पर गड्ढे हो गए, जिनमें पानी भर गया है। इससे वाहन दुर्घटनाएं भी बढ़ गई हैं। बारिश के चलते सिटी सेंटर मुख्य मार्ग, अलकापुरी, हरीशंकरपुरम, चेतकपुरी, माधव नगर, वार्ड-2 में तिकोनिया पार्क, पाताली हनुमान मंदिर आदि क्षेत्रों में पानी भर गया।
सिद्धेश्वर नगर में दीवार गिरने से दो भैंसे दबीं
बारिश से सिद्धेश्वर नगर निवासी बल्लू गुर्जर के निवास पर दीवार गिर गई। इससे दो भैंस दबकर घायल हो गईं। मप्र बीज निगम के अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल रात्रि में घटनास्थल पर पहुंचे और पीड़ित परिवार को मदद कराने की बात कही है।
ट्रैफिक की रफ्तार रोक रहे गड्ढे
शहर के मुख्य मार्गाें पर हुए बड़े-बड़े गड्ढों के कारण वाहन चालकों का चलना मुश्किल हो गया है। नदीगेट चौराहे से ठीक पहले जयेंद्रगंज रोड पर, पड़ाव चौराहे, शिंदे की छावनी, शब्द प्रताप आश्रम से लेकर उरवाई गेट तक कई गड्ढे हैं।
एसओआर से 40% कम पर हो रहा काम
ठेका लेने की होड़ में ठेकेदार शेड्यूल ऑफ रेट में दर्ज दरों से 40% तक कम पर काम कर रहे हैं। ऐसे में निर्माण कार्य की गुणवत्ता शंका के घेरे में है। हालांकि पुराने ठेकेदारों ने रेट की प्रतिस्पर्द्धा को देखते हुए काम बंद कर दिया है।
गुणवत्ता के साथ ड्रेनेज सिस्टम भी समस्या
बारिश में सड़कों के खराब होने के दो ही कारण हैं, एक तो शहर में ड्रेनेज सिस्टम व्यवस्थित नहीं है और दूसरे सड़कों की गुणवत्ता। सड़क निर्माण के दौरान इंजीनियरों की जिम्मेदारी सड़कों की गुणवत्ता पर ध्यान देने की है, लेकिन वे ध्यान नहीं देते। इसके साथ ही शेड्यूल ऑफ रेट से 40 फीसदी कम पर टेंडर लेने पर ठेकेदार भी गुणवत्ता बनाए रखने को तैयार नहीं हैं।
-विनोद शर्मा, पूर्व निगमायुक्त
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