ब्लैक स्पॉट बने घाट का नहीं कोई समाधान: सैकड़ों लोग बने हादसे का शिकार, अनुमति के बावजूद नहीं हो रही घाट कटिंग

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बैतूल7 मिनट पहले

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फाइल फोटो। - Dainik Bhaskar

फाइल फोटो।

बैतूल-आशापुर के लेड़दा घाट सेक्शन में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को लेकर ग्रामीणों ने घाट कटिंग करने की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने बताया कि घाट कटिंग के लिए ग्राम पंचायत से प्रस्ताव लिया गया था। वन विभाग ने अनुमति देने के बावजूद आज तक घाट कटिंग नहीं की गई। खतरनाक अंधे मोड़ के कारण इस जगह सैकड़ों वाहन चालक काल के गाल में समा गए।

कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में समाजसेवी राजेश सरयाम ने बताया कि भीमपुर विकासखंड के लेड़दा घाट में प्रति माह भीषण दुर्घटनाएं होती है। माह में कई बार ट्रक ड्राइवर हादसे का शिकार होकर मौत के मुंह में समा जाते है। इतनी दुर्घटना होने के बावजूद प्रशासन ने सबक नहीं लिया है।

पंचायत के प्रस्ताव पर शीघ्र लिया जाए निर्णय

राजेश सरियाम ने कहा कि फोरलेन के निर्माण में हजारों की संख्या में वृक्ष काटे गए, लेकिन मात्र ग्राम पंचायत पाठ के प्रस्ताव पर वन मंडल अधिकारी की अनुमति से सड़क निर्माण के लिए घाट कंटिंग की जा सकती है, जो पंचायत की नियामवली में है। उन्होंने मांग की है कि ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव और वन मंडल अधिकारी से संपर्क कर नियमों के आधार पर घाट कटिंग शीघ्र की जाए।

2017 में मुंह काला कर निकाली थी आक्रोश रैली

गौरतलब है कि लेड़दा घाट कटिंग की मांग वर्षों पुरानी है। 15 अगस्त 2017 को सैकड़ों ग्रामीणों ने प्रशासन का ध्यान आकर्षण करने के लिए अपना मुंह काला कर लेड़दा घाट से नांदा तक पदयात्रा की थी। वहीं लगभग 3 साल पहले घाट कटिंग को लेकर आंदोलन किया गया था। इसके बावजूद भी प्रशासन ने कोई सुनवाई नहीं की। जबकि वन और पुलिस विभाग ने यहां पर कटिंग करने और अंधे मोड़ के सांकेतिक बोर्ड लगाने का आश्वासन दिया था।

घाट कटिंग के लिए उन्होंने पश्चिम वन मंडल अधिकारी से अनुमति मांगी थी। वन मंडल अधिकारी के अनुसार, उन्होंने ग्राम सभा पाट में घाट कटिंग के लिए सरपंच-सचिव, पंच एवं ग्रामीणों से प्रस्ताव लिया था। यह प्रस्ताव उन्होंने वन विभाग मंत्रालय को भी सौंप दिया। लेकिन वन विभाग से अनुमति मिलने के बाद भी प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।

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