खाद के लिए कटीले तारों को फंदा: 12 घंटे भूखे-प्यासे लाइन में खड़े रहे 3 हजार किसान, पढ़िए किसानों की आपबीती

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मनीष सोनी । राजगढ़42 मिनट पहले

रातभर चलकर सुबह 6 बजे सोसायटी पहुंचा। बिना कुछ खाए-पीए लाइन में लग गया। सोचा जल्दी लगूंगा तो खाद मिल जाएगी। देखते ही देखते मेरे जैसे यहां हजारों की संख्या में किसान एक के पीछे एक लाइन में लग गए। भीड़ बढ़ी तो पुलिस भी आ गई। एक-एक कर गेट के भीतर किया जाने लगा। किसी ने गुस्से में कांच फेक दिया। उस कांच से मेरा हाथ लहूलुहान हो गया। खाद के लिए कोई बांउड्री कूदते दिखा तो कोई छत पर चढ़ने की कोशिश करता रहा। इतनी परेशानी के बाद भी खाद शाम तक खाद नहीं मिली। यह दर्द है युवा किसान रामबाबू सोंधिया का।

प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है… सीएम शिवराज के इस ऐलान की एक बहुत ही परेशान करने वाली उलट तस्वीर राजगढ़ जिले के जीरापुर विपणन समिति में देखने को मिली। यहां खाद के लिए अलसुबह से ही बच्चे-बड़े-बूढ़े और महिलाएं लाइन में लग गईं। दोपहर होते होते 2200 बोरी खाद के लिए 3 हजार से किसान लाइन में खड़े नजर आए। देखते ही देखते यहां हंगामा बरप गया। काेई दीवार फांदता नजर आया तो कोई पुलिस से बहस करता हुआ। लाइन इतनी बड़ी थी कि समझ नहीं आ रहा था कि यह खाद के लिए लगे हुए लोग हैं। काफी मशक्कत के बाद 1100 किसानों को दो-दो बोरी खाद नसीब हुई। शाम 7 बजे तक खाद के इंतजार में खड़े 2 हजार से अधिक किसानों को खाली हाथ लौटने को लिए मजबूर होना पड़ा।

युवा किसान रामबाबू सोंधिया के हाथ में कांच लग गया, जिससे वह लहूलुहान हो गया।

युवा किसान रामबाबू सोंधिया के हाथ में कांच लग गया, जिससे वह लहूलुहान हो गया।

यहां आए किसानों ने बताया कि खाद के लिए राजगढ़ में किसान अलसुबह अंधेरे में ही लाइन में लग जाते हैं। यूरिया की किल्लत और उसकी उपलब्धता की स्थिति क्या है इसका अंदाजा खाद के लिए उमड़ रही भीड़ को देखकर लगाया जा सकता है। सोमवार को जब पता चला कि सहकारी संस्था में 2200 बोरी यूरिया खाद आया था। यह सुनते ही महिला, पुरुष, बुजुर्ग और स्कूली बच्चे सब काम छोड़कर यहां लाइन में लग गए। सुबह 10 बजे पुलिस की मौजूदगी में खाद का बंटवारा शुरू हुआ। यहां भीड़ इतनी ज्यादा थी कि उन्हें काबू करना मुश्किल हो रहा था। यहां कई बार जमकर धक्का-मुक्की हुई। नारेबाजी तो कुछ मिनट में रुक-रुक कर होती रही। कुछ ही घंटों में 1100 किसानों को 2200 बोरी खाद बांटकर कार्यालय को बंद कर दिया गया। हालांकि शाम करीब 7 बजे तक किसान खिड़की फिर से खुलने के इंतजार में भूखे प्यासे बाहर बैठे रहे।

किसानों को 2200 बोरी खाद के संस्था तक पहुंचने का पता चलते ही यहां भीड़ उमड़ पड़ी। पहले तो सभी शांति से बैठे रहे, लेकिन दोपहर होते-होते इनके सब्र का बांध टूट गया।

किसानों को 2200 बोरी खाद के संस्था तक पहुंचने का पता चलते ही यहां भीड़ उमड़ पड़ी। पहले तो सभी शांति से बैठे रहे, लेकिन दोपहर होते-होते इनके सब्र का बांध टूट गया।

किसान विष्णु लोहर ने बताया कि सुबह 6 बजे लाइन में लग गया था। सोसाइटी में घंटों खड़े रहे, इसके बाद पर्ची मिली। यहां से गोदाम में आए, यहां भी दो-तीन घंटे खड़े रहे। यहां से थाने जाने को कहा। वहां गए, जब वहां भी खाद नहीं मिली तो फिर वापस कॉलेज ग्राउंड पर लौट आए। किसान कुशाल डांगी ने कहा-भूखे-प्यासे पूरे दिन खड़ा रहा, लेकिन खाद नसीब नहीं हुई।

युवा किसान कुशाल डांगी और किसान विष्णु लोहर ने बताया कि दिनभर चक्कर काटने के बाद भी खाद नसीब नहीं हुई।

युवा किसान कुशाल डांगी और किसान विष्णु लोहर ने बताया कि दिनभर चक्कर काटने के बाद भी खाद नसीब नहीं हुई।

2200 बोरी खाद के लिए सोसाइटी में 3 हजार किसान पहुंच गए। पुलिस ने गेट बंद किया तो कटीली बाउंड्री कूदकर भीतर आने की कोशिश करते रहे किसान।

2200 बोरी खाद के लिए सोसाइटी में 3 हजार किसान पहुंच गए। पुलिस ने गेट बंद किया तो कटीली बाउंड्री कूदकर भीतर आने की कोशिश करते रहे किसान।

भारतीय किसान यूनियन ब्लाॅक अध्यक्ष जीरापुर केवल सिंह तोमर ने बताया कि यह नजारा राजगढ़ जिले की जीरापुर तहसील सहकारी संस्था का है। सुबह 5 बजे से किसान लाइन में लगा, लेकिन शाम 7 बजे तक उन्हें खाद नहीं मिली। यूरिया के लिए प्रशासन की और से कोई व्यवस्था नहीं की गई है। किसान, स्कूल के स्टूडेंट और छोटे-छोटे बच्चे भी खाद के लिए लाइनों में लगकर परेशान होते रहे। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि मध्य प्रदेश में पर्याप्त खाद है। अगर पर्याप्त खाद होता तो किसान सुबह से अपनी खेती का काम छोड़ कर यहां लाइनों में नहीं लगते ये सरासर किसानों के साथ अन्याय हो रहा है। यहां खाद के लिए कोई व्यवस्था नहीं है ना प्रशासन ध्यान दे रहा है और ना ही सक्षम अधिकारी यहां व्यवस्था सुधारने के लिए आए हैं। कुछ भी नहीं है और किसानों को परेशान किया जा रहा है।

राजगढ़ जिले के जीरापुर में विपणन समिति के बाहर कतार में किसान नजर आए। खाद नहीं मिलने के बाद उन्होंने जमकर हंगामा किया।

राजगढ़ जिले के जीरापुर में विपणन समिति के बाहर कतार में किसान नजर आए। खाद नहीं मिलने के बाद उन्होंने जमकर हंगामा किया।

भीड़ बढ़ने पर एक-एक कर किसानों को पुलिस की मौजूदगी में भीतर एंट्री दी गई। इस दौरान बाहर जामकर हंगामा होता रहा।

भीड़ बढ़ने पर एक-एक कर किसानों को पुलिस की मौजूदगी में भीतर एंट्री दी गई। इस दौरान बाहर जामकर हंगामा होता रहा।

शाम 7 बजे तक किसान खाद मिलने की आस में खड़े रहे। वे हाथ जोड़ते रहे कि उन्हें खाद उपलब्ध करवा दी जाए।

शाम 7 बजे तक किसान खाद मिलने की आस में खड़े रहे। वे हाथ जोड़ते रहे कि उन्हें खाद उपलब्ध करवा दी जाए।

एक किसान को दो बोरी खाद दी गई। जिसे खाद मिली वह उसी बोरी पर बैठकर उसकी तकवारी करता रहा।

एक किसान को दो बोरी खाद दी गई। जिसे खाद मिली वह उसी बोरी पर बैठकर उसकी तकवारी करता रहा।

सीहोर में किसानों और महिलाओं की लंबी लाइनें
सीहोर में हाल ही में खाद की लाइन में लगे बुजुर्ग किसान की मौत हो गई थी। बावजूद खाद वितरण प्रणाली ठीक नहीं हो पा रही है। सोमवारा को रेहटी में खाद के लिए किसानों को परेशान होते देखा गया। खाद के लिए लाइन में खड़े किसान और महिलाओं ने नाराज होकर चक्काजाम कर दिया। किसानों का कहना है कि मुख्यमंत्री यही कह रहे हैं कि प्रदेश में खाद की किल्लत बिल्कुल भी नहीं है, लेकिन उनके विधानसभा क्षेत्र बुधनी के रेहटी में ही खाद की किल्लत से किसान जूझ रहे हैं। यहां नकद विक्रय केंद्र अभी तक नहीं खुला है। समितियों में नगद विक्रय नहीं किया जा रहा है। किसान अपने परिवार, महिला और बच्चों के साथ लाइन में लगने को मजबूर हैं।

खाद नहीं मिलने से नाराज किसानों ने चक्काजाम कर दिया। जानकारी लगते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामला शांत करवाया।

खाद नहीं मिलने से नाराज किसानों ने चक्काजाम कर दिया। जानकारी लगते ही पुलिस मौके पर पहुंची और मामला शांत करवाया।

चक्काजाम को लेकर प्रशासन की ओर से कहा गया कि सूचना मिलने पर एसडीएम राधेश्याम बघेल और तहसीलदार आशुतोष शर्मा ने मौके पर पहुंचे थे। उन्होंने किसानों की समस्याओं का माैके पर ही निराकरण किया। तहसीलदार ने बताया कि रेहटी में किसानों को खाद वितरण के लिए चार नकद विक्रय केन्द्र बनाए गए हैं। इनमें से सेवा सहकारी समिति रेहटी को नकद विक्रय के लिए एक गाड़ी (700 बोरी) प्रदान की गई थी। वितरक द्वारा इस खाद को परमिट पर वितरण करने के कारण अल्प समय के लिए खाद की कमी हो गई थी, जिसकी आपूर्ति सुनिश्चित कर ली गई है।

जिले में अभी 2813 मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध
इधर, कृषि विभाग के उप संचालक केके पांडे का कहना है कि रबी वर्ष 2022-23 के लिए वर्तमान में जिले में कुल यूरिया 2813, डीएपी 5052, एसएसपी 2902 और 1346 मीट्रिक टन एनपीके उपलब्ध है। विपणन संघ के गोदाम में 1460 मीट्रिक टन यूरिया, 1892 मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध है। इसी प्रकार 108 सहकारी समितियों में 478 मीट्रिक टन यूरिया, 2499 मीट्रिक टन डीएपी, 609 मीट्रिक टन एनपीके शेष है।

शिवपुरी में महिलाओं ने की नारेबाजी, खाद की कालाबाजारी का आरोप
शिवपुरी जिले के बैराड़ नगर में सोमवार को खाद नहीं मिलने से परेशान किसानों ने एक बार फिर आक्रोशित हो गए। उन्होंने बैराड़ तहसील कार्यालय पर जमकर हंगामा किया। किसानों ने यहां नारेबाजी करते हुए कर्मचारियों पर खाद की कालाबाजारी के आरोप लगाए। किसानों ने इसकी शिकायत बैराड़ तहसीलदार प्रेमलता पाल को दर्ज करवाई थी।

बैराड़ तहसील कार्यालय पर नाराज किसान धरने पर बैठ गए। उन्होंने समितियों पर कालाबाजारी का आरोप लगाया है।

बैराड़ तहसील कार्यालय पर नाराज किसान धरने पर बैठ गए। उन्होंने समितियों पर कालाबाजारी का आरोप लगाया है।

उन्होंने बताया कि करीब एक सैकड़ा से अधिक किसान यूरिया खाद के टोकन लेने के लिए सोमवार सुबह से बैराड़ तहसील कार्यालय पर बैठे थे, लेकिन समिति कर्मचारी द्वारा केवल 30-40 किसानों को खाद के टोकन बांट कर काउंटर बंद कर दिया। जब किसानों ने पूछा कि कितने टोकन बांटे गए हैं तो कर्मचारी द्वारा 100 टोकन बांटने की बात कही गई, जबकि किसानों का आरोप है कि समिति कर्मचारियों द्वारा केवल 30-40 को खाद के टोकन बांटे गए।

सत्तापक्ष के विधायक ने अफसरों पर हमला बोला
मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने डीएपी के संकट को लेकर सवाल उठाते हुए कहा- मैं मुख्यमंत्री जी को यह बात बताना चाहता हूं कि हमारे विंध्य का किसान बहुत पीडित और परेशान है। खाद नहीं मिलने से किसान खेती नहीं कर पा रहे हैं। यूरिया तो कुछ हद तक उपलब्ध है लेकिन डीएपी जिसकी सबसे ज्यादा जरूरत है वो नहीं मिल पा रहा है। अधिकारी आपके पास गलत रिपोर्ट कर रहे हैं। कोई अफवाह नहीं फैला रहा है। यही किसान अन्नदाता है किसानों के हित में डीएपी खाद की तत्काल व्यवस्था करें ताकि किसान खेती कर सके।

शिवराज ने कहा- खाद को लेकर अफवाह फैलाने वालों से सख्ती से निपटेंगे

मध्यप्रदेश में खाद की कमी को लेकर हो रही सियासत पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष को घेरा है। बिना नाम लिए सीएम ने कहा- कुछ लोग खाद को लेकर अफवाह और भ्रम का माहौल बनाकर अराजकता फैलाना चाहते हैं। ऐसे लोगों से सख्ती से निपटेंगे। सीएम ने कहा प्रदेश में लगातार खाद की आपूर्ति की जा रही है। हम खाद की कमी नहीं आने देंगे। तकनीकी कारणों से बीच में थोड़ी दिक्कत आई थी। खाद की उपलब्धता है। मैं आपको आश्वस्त कर रहा हूं। आप बिल्कुल चिंता न करें। जरूरत के अनुसार खाद मिलेगी। कुछ लोग अफवाह और भ्रम फैलाकर प्रदेश में अराजकता का माहौल बनाना चाहते हैं। ऐसे लोगों से हम सख्ती से निपटेंगे। गड़बड़ करते हुए पाया जाएगा, तो कार्रवाई होगी। आप आश्वस्त रहें आपको पर्याप्त खाद उपलब्ध कराई जाएगी।

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BJP विधायक बोले-किसानों को DAP नहीं मिल पा रहा

मप्र में खाद को लेकर किसान परेशान हैं। खाद के इंतजार में आए दिन किसानों की असमय मौतों के मामले सामने आ रहे हैं। दो दिन पहले सीहोर जिले में खाद के लेने के लिए लाइन में लगे किसान की मौत हो गई। इस घटना के बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार को घेरना शुरु कर दिया। विपक्ष के साथ ही सत्तापक्ष के भी विधायक ने खाद के संकट को लेकर अफसरों पर हमला बोला। पूरी, खबर पढ़ें…

सात घंटे खाद के इंतजार में खड़े किसान ने तोड़ा दम

सीहोर जिले के ढाबला की सरकारी सोसायटी का है। किसान का नाम शिवनारायण मेवाड़ा था। वह रामखेड़ी गांव का रहने वाला था। किसान अपने गांव से दो किलोमीटर दूर ढाबला की सरकारी सोसायटी में खाद लेने गया था। जहां वह सुबह 8 बजे से दोपहर करीब ढाई बजे तक लाइन में लगा रहा। जिसके बाद उसे खाद के लिए पर्ची मिली। तभी वह अचानक गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई। यहां पढ़ें पूरी खबर…

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