बैतूल के फार्म हाउस कांड में FIR: फेसबुक पोस्ट डाल अफवाह फैलाने वाले पर मामला दर्ज, पुलिस ने फरियादी का नाम रखा गोपनीय

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बैतूलएक घंटा पहले
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बैतूल के बहुचर्चित फार्म हाउस कांड में बैतूल गंज पुलिस ने एक शिकायत के बाद एक आरोपी पर एफआईआर दर्ज की है। एक फेसबुक पोस्ट डालने पर पुलिस ने धारा 505 के तहत शख्स को आरोपी बनाया है। पुलिस ने देर शाम प्रेस नोट जारी कर इस मामले में मचे बवाल के बाद स्थिति स्पष्ट की है। प्रेस नोट में पुलिस ने फरियादी का नाम गोपनीय रखते हुए बताया कि फरियादी ने गंज थाने में उपस्थित होकर शिकायत आवेदन पत्र प्रस्तुत किया और एफआईआर दर्ज कराई।
फरियादी ने कहा कि प्रशांत मेहरा ने 17-09-2022 को अपनी फेसबुक पर ‘2 दिन पहले गंज क्षेत्र पार्षद ने बैतूल पुलिस को दिलाए लाखों रुपए अब सच्चाई तो देने और लेने वाले ही जानते है’ पोस्ट की थी। इस पोस्ट डिलीट कर दी थी। यह पोस्ट फेसबुक मीडिया प्लेटफार्म पर आने से कई प्रकार की चर्चाएं हुई। इन्हीं चर्चाओं के आधार पर स्थानीय समाचार पत्रों में विभिन्न शीर्षकों के माध्यम से प्रकाशन हुआ। जिससे फरियादी की सामाजिक और राजनैतिक छवि घूमिल किया गया। इसके आधार पर थाना गंज में एफआईआर आरोपी प्रशांत मेहरा के खिलाफ भादवि की धारा 505(2) में रिपोर्ट दर्ज की गई।
अति. पुलिस अधीक्षक को सौंपी जांच
प्रेस नोट में बताया गया कि पुलिस अधीक्षक ने बहुचर्चित फार्म हाउस कांड की जांच करने के लिए अति. पुलिस अधीक्षक को नियुक्त किया गया था। एएसपी ने जांच के दौरान साइबर सेल की सभी तकनीकी पहलूओं पर जांच की गई। शहर के मुख्य मार्ग पर लगे सीसीटीवी फूटेज और नागपुर से आने-जाने वाले मार्गों के टोल टैक्स नाकों की जांच की गई।
जांच के दौरान कोई संदिग्ध व्यक्ति या वाहन की पुष्टि नहीं हुई। शहर के फार्म हाउस स्वामियों ने प्रकाशित खबरों को अफवाह होना बताया। जांच में निष्कर्ष किसी भी प्रकार की कोई घटना का नहीं होना पाया गया। उपरोक्त घटना पूर्णता अफवाह पर आधारित होना पाया गया।
यह है मामला
बता दें कि फार्म हाउस कांड को लेकर बैतूल में चर्चाओं का बाजार गर्म है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि कौन सा फार्म हाउस है और वहां क्या किया जा रहा था। बैतूल के कुछ स्थानीय अखबारों में बीते एक पखवाड़े से इस मामले में जनचर्चाओं के आधार पर गॉशिप कालम में यह छापा जा रहा था कि किसी फार्म हाउस में बैतूल के कुछ कथित धनाढ्य युवा पार्टी कर रहे थे।
इस पार्टी में नागपुर से कालगर्ल्स भी बुलवाई गई थी। इसी बीच पुलिस ने फार्म हाउस पर छापा मारा। अखबारों के मुताबिक, इस छापे के बाद कथित रूप से लाखों रुपए का लेनदेन हुआ है। अखबारों में जनचर्चाओं के आधार पर रोज छप रही इन खबरों से बैतूल पुलिस की किरकिरी हो रही थी। जिसके बाद एसपी ने एएसपी को अखबारों की कतरनों के आधार पर जांच के निर्देश दिए थे।
गौरतलब है कि अखबारों में प्रकाशित हो रही खबरों में तथ्यात्मक कोई भी जानकारी नहीं थी। बल्कि इसे सिर्फ जनचर्चा के आधार पर प्रकाशित खबर बताकर डिस्क्लेमर तक दिया जा रहा था। इस मामले में पुलिस ने चार अखबारों को सूचना पत्र भेजकर बयान के लिए तलब भी किया था। इस मामले में गृहमंत्री तक को जांच के निर्देश देने पड़े थे।
यह है धारा 505
विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता, घॄणा या वैमनस्य की भावनाएं पैदा करने के आशय से असत्य कथन, जनश्रुति, परिचालित करना। सजा – तीन वर्ष कारावास, या आर्थिक दंड, या दोनों। यह अपराध गैर-जमानती, संज्ञेय है तथा किसी भी न्यायधीश द्वारा विचारणीय है।
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