बुवाई शुरू: प्रदेश में रबी की बुवाई शुरू; डीएपी, यूरिया खाद की भारी कमी, सागर में यूरिया खत्म

[ad_1]

  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Bhopal
  • Rabi Sowing Started In The State; Heavy Shortage Of DAP, Urea Fertilizer, End Of Urea In Sagar

भोपाल38 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
  • इस बार खाद की ज्यादा डिमांड होने की वजह बरसात ज्यादा दिन तक हुई

दिवाली के बाद प्रदेश में रबी सीजन की बुवाई शुरू हो गई है। चना, मसूर, सरसों के साथ गेहूं की बुवाई के लिए डीएपी और यूरिया खाद के लिए किसानों को सोसायटी के चक्कर काटना पड़ रहा है। गुना जिले में 10 हजार टन डीएपी खाद की कमी है, जबकि विदिशा में अब तक 2917 टन यूरिया वितरित कराया जा चुका है। 2188 टन का स्टाक होने की बात कही जा रही है, लेकिन अब तक किसानों तक नहीं पहुंचा है। इसी तरह डीएपी खाद की 7847 टन उपलब्धता का दावा किया जा रहा है, जबकि 4667 टन वितरित किया गया है।

इस बार खाद की ज्यादा डिमांड होने की वजह बरसात ज्यादा दिन तक हुई है। बुवाई के लिए जमीन मेें बतर नहीं आई, जिससे चना, मसूर, सरसों के साथ गेहूं की बुवाई एक साथ शुरू हो गई है। वहीं, हर साल चना और मसूर की बुवाई पहले हो जाती है, जबकि गेहूं की बुवाई बाद में होती है। अशोकनगर जिले में यूरिया, डीएपी, एनपीके और एसएसपी चारों खाद मिलाकर 70 हजार मीट्रिक टन खाद की और जरूरत है जिसमें से 37,200 मीट्रिक टन ही मिला है। रायसेन जिले के बेगमगंज में गोदाम पर खाद लेने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है। सागर जिले में मार्कफेड के गोदाम में यूरिया खत्म हो गया है, डीएपी का दो दिन का ही स्टॉक बचा है। जिले में रबी सीजन की बुवाई के लिए 21 हजार टन यूरिया और 12500 मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत है। यहां पिछले दो दिनों में 1900 मैट्रिक टन खाद ही आई है। मार्कफेड की नई गल्ला मंडी और मकरोनिया स्थित गोदामों में यूरिया नहीं बचा है। छतरपुर में अभी 8 हजार मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत है, लेकिन उपलब्धता मात्र 100 टन है। जिले की सहकारी समितियों में खाद उपलब्ध नहीं है।

खबरें और भी हैं…
[ad_2]
Source link

Related Articles

Back to top button