बालको नगर में धूमधाम से मनाया गया रामलीला व दशहरा महोत्सव, इंद्रधनुषी आतिशबाजी ने मोहा मन

कोरबा,02 अक्टूबर (वेदांत समाचार)। विजयादशमी के अवसर पर बालको नगर में आयोजित सार्वजनिक रामलीला एवं दशहरा महोत्सव इस वर्ष भी पूरे उत्साह और परंपरा के साथ मनाया गया। बालको प्रबंधन के सहयोग और भारत एल्यूमीनियम मजदूर संघ (इंटक) की मेज़बानी में आयोजित इस भव्य आयोजन में हजारों की संख्या में नगरवासी और आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के लोग शामिल हुए।
कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण में रामलीला मंचन, रावण दहन और इंद्रधनुषी आतिशबाजी शामिल रही। जैसे ही विशालकाय रावण के पुतले को अग्नि दी गई, पूरा रामलीला मैदान जय श्रीराम के नारों से गूंज उठा। इसके साथ ही आकाश में रंग-बिरंगी आतिशबाजी ने उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि हुए शामिल
इस अवसर पर बालको के सीईओ श्री राजेश मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ विशिष्ट अतिथि के रूप में बालको प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारी, सलूजा बालको महिला मंडल की अध्यक्ष तथा इंटक के पदाधिकारी मंच पर मौजूद रहे। अतिथियों ने अपने संबोधन में दशहरा पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक बताते हुए रामलीला और दशहरा महोत्सव जैसी परंपराओं को समाज को एकजुट रखने वाला उत्सव बताया।
सेक्टर-3 का दुर्गा पंडाल रहा आकर्षण का केंद्र
दशहरा पर्व के साथ-साथ बालको नगर में नवरात्रि का आयोजन भी पूरे जोश से किया गया। नगर का सेक्टर-3 दुर्गा पंडाल इस बार विशेष आकर्षण का केंद्र बना रहा। यहां की साज-सज्जा और धार्मिक अनुष्ठानों में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
लंबी परंपरा, दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु
बालको नगर की रामलीला केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं बल्कि दशकों पुरानी परंपरा है। यहां संपूर्ण रामायण का मंचन कई दिनों तक चलता है। न केवल बालको नगरवासी बल्कि आसपास के ग्रामीण इलाकों से भी बड़ी संख्या में लोग प्रतिदिन रामलीला का आनंद लेने पहुंचते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह परंपरा बालको नगर की पहचान बन चुकी है और हर वर्ष यह आयोजन और भी भव्य स्वरूप लेता जा रहा है।
जनसमूह उमड़ा, प्रशासन रहा सतर्क
रामलीला मैदान में दशहरा पर्व को लेकर भारी भीड़ उमड़ी। हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं के बीच पुलिस और प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह मुस्तैद रही। भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की वजह से कार्यक्रम शांति और गरिमा के साथ सम्पन्न हुआ।
पर्व ने दी सामाजिक एकता का संदेश
दशहरा महोत्सव और रामलीला के मंचन ने जहां धार्मिक आस्था को प्रगाढ़ किया, वहीं समाज को एकजुटता, भाईचारे और सत्य की राह पर चलने का संदेश भी दिया। इंद्रधनुषी आतिशबाजी और रावण दहन के साथ बालको नगर का आसमान देर रात तक रंगीन रोशनी से जगमगाता रहा।
इस प्रकार बालको नगर का दशहरा महोत्सव न केवल मनोरंजन का साधन बना बल्कि आने वाली पीढ़ियों को परंपरा, संस्कृति और नैतिक मूल्यों से जोड़ने का माध्यम भी साबित हुआ।